राज्य के स्कूलों में पहली कक्षा से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी या कोई और भाषा पढ़ाए जाने का निर्णय फडणवीस सरकार ने लिया है। सरकार के निर्णय खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी, राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और कांग्रेस के नेताओं ने रविवार को आजाद मैदान में उग्र आंदोलन किया।
आंदोलनकारियों ने सरकार के त्रिभाषा सूत्र से संबंधित सरकारी आदेश की प्रति जलाकर अपना विरोध प्रकट किया। इस अवसर पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल, मनसे नेता नितिन सरदेसाई, विधायक आदित्य ठाकरे, शिवसेना सांसद संजय राउत, सांसद अरविंद सावंत, अनिल देसाई, सुभाष देसाई, संतोष शिंदे, अभिनेता हेमंत धोमे, कांग्रेस प्रवक्ता युवराज मोहिते भी मौजूद रहे।
हिंदी को अनिवार्य करने के मुद्दे पर मराठी अभ्यास केंद्र और अन्य समान विचारधारा वाले संगठनों की मुंबई में बैठक हुई थी। इसके बाद सरकारी आदेश की होली जलाने का निर्णय लिया गया। इस विरोध प्रदर्शन में ठाकरे गुट के शिवसैनिकों के साथ-साथ महा विकास अघाड़ी के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इस आंदोलन के खिलाफ मनसे ने हस्ताक्षर अभियान चलाया। इस अभियान में लोगों ने बड़ी मात्रा में हिस्सा लिया। इस मौके उद्धव ठाकरे ने हिंदी विरोध पर उप मुख्यमंत्री अजित पवार की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि सरकार में शामिल सभी लोग गुलाम नहीं बने हैं। इसका हमें संतोष है।
उद्धव ने कहा कि जिस तरह से आजाद मैदान में हिंदी अनिवार्य के जीआर की होली जलाई गई, उसी तरह पूरे राज्य में हिंदी अनिवार्य सरकारी आदेश की सांकेतिक होली भी जलाई गई है।
हिंदी अनिवार्य करने के विरोध में मुंबई समेत नासिक, ठाणे और पुणे में भी प्रदर्शन हुए। दूसरी ओर इसके विरोध में भाजपा की ओर से भी सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया गया। मुंबई में बीजेपी विधायक राम कदम ने ठाकरे की शिवसेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल मराठी अभ्यास केंद्र और समान विचारधारा वाले संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने यह कहा कि हम इस प्रदर्शन में शामिल हुए इसका अर्थ यह नहीं है कि हम हिंदी विरोधी हैं लेकिन हम हिंदी की अनिवार्यता के विरोधी हैं।
ठाकरे गुट की शिवसेना की ओर से दादर स्थित शिवसेना भवन परिसर में बैनर लगाए गए हैं। इन बैनरों पर लिखा है – हिंदी थोपने वाले सरकारी निर्णय की होली जलाएं, मराठी व्यक्ति की एकजुटता की ताकत दिखाएं। इस बीच संजय राउत ने कहा कि मुंबई में होने वाले इस आंदोलन के लिए सभी को आमंत्रित किया गया है।