सावन का महीना चल रहा है यह भगवान शिव का पावन महीना होता है जिसमें शिवलिंग का अभिषेक करने का महत्व होता है। यहां पर जल के अलावा पंचामृत से भी भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। कहते हैं कि, पांचों शुद्ध चीजों को अर्पित करने से भगवान शिव की कृपा बनी रहती है। पांचों सामग्रियां अमृत तुल्य मानी जाती हैं, जो शरीर, मन और आत्मा की शुद्धि करती हैं। चलिए जानते हैं एक-एक का अलग अर्थ।
दूध- पंचामृत में शामिल दूध को सात्विकता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। कहते हैं कि, गाय के दूध से भगवान शिव का अभिषेक करना शुभ फल देता है।गाय के दूध से अभिषेक करने से चित्त शांत होता है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यह चंद्रमा से जुड़ा हुआ है, जो मन के नियंत्रण और शीतलता का कारक है। शिवजी को दूध से अभिषेक करने से भगवान को शीतलता मिलती है और वे मानसिक तनाव दूर करते है।
दही- यहां पर दूसरे अमृत दही को शुक्र ग्रह का प्रतीक माना जाता है कहते हैं कि, सौंदर्य, समृद्धि व संतान सुख का दाता माना गया है। वहीं पर इसके लाभ की बात करें तो, दही से अभिषेक करने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं। संतान प्राप्ति की कामना कर रहें दंपती को दही चढ़ाने से फायदा मिलता है।
शहद- पंचामृत में शामिल इस अमृत को मधुरता, सौहार्द और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। अगर आप शहद से शिवलिंग का अभिषेक करते है तो, वाणी में मिठास आती है और आपके ग्रहों को शांति मिलती है। अगर आप शहद से शिवलिंग का अभिषेक करते है तो, आर्थिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
घी- पंचामृत में शामिल एक और घी को अर्पित करना भी अच्छा होता है। घी में शुद्धता व दिव्यता का वास माना गया है। देसी गाय के घी से अभिषेक करने से शरीर में तेज, आरोग्य और आयु की वृद्धि होती है
शक्कर- यहां पर जीवन की मिठास और संतुलन का प्रतीक होता है। शिवलिंग का अभिषेक करने पर मन की कटुता समाप्त होती है और पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आती है। यह आर्थिक कष्टों को दूर कर लक्ष्मी कृपा का द्वार खोलती है।