आज 25 मई से नौतपा की शुरूआत हो गई है जो नौ दिनों की अवधि के साथ 2 जून 2025 तक जारी रहेगा। इस दौरान नौतपा में सूर्य की उपासना करने से रोग, भय खत्म होता है। इस नौतपा में आप भगवान सूर्यदेव की आराधना करने के साथ कई प्रकार की चीजों का भोग लगाना चाहिए।सूर्य देव को विशेष भोग अर्पित करने से उनकी कृपा से जीवन में सुख, शांति और ऊर्जा का संचार होता है।
नौतपा के दौरान सूर्यदेव की आराधना करनी चाहिए। नौ दिनों की शुरूआत में आप हर सुबह तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें। उसमें लाल चंदन, कुमकुम और लाल फूल मिलाएं। इस दौरान अर्घ्य देने के दौरान ‘ॐ सूर्याय नमः’ मंत्र बोलते हुए जल अर्पित करें।
नौतपा के दौरान आपको गुड़ का भोग लगाना काफी जरूरी होता है। तांबे की थाली में रखकर अर्पित करें और सूर्य मंत्रों का जाप करें। यह शरीर को उर्जा देता है।
नौतपा के दौरान गेहूं के आटे का हलवा भोग में लगाना चाहिए। इसमें गेहूं के हलवे में आप लाल चंदन डालकर सूर्य को चढ़ाते है तो फायदा मिलता है।
नौतपा के दौरान भोग में चने का भोग लगाना चाहिए। इसमें भुने हुए या उबले हुए चने के साथ गुड़ मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करने से फायदा मिलता है। इसके अलावा कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
नौतपे के दौरान आपको लाल रंग की चीजों को अर्पित करना शुभ होता है। लाल रंग, सूर्य का प्रतीक होता है जो अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। विद्यार्थी वर्ग इस प्रकार के उपाय को कर सकते है।
नौतपा के दौरान आपको भोग में पकी हुई मसूर की दाल या खिचड़ी का भोग भगवान सूर्य को अर्पित करना चाहिए। इस प्रकार के भोग से पेट संबंधी रोगों को दूर करता है और ग्रहों के दुष्प्रभाव को शांत करता है।
नौतपा के दौरान भगवान सूर्य को भोग में आप दूध में मिलाकर या किसी मिठाई में केसर मिलाकर भोग लगाएं। इस प्रकार का भोग को यश, तेज और मानसिक शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
नौतपा के दौरान आपको पंचामृत का भी भोग लगाना चाहिए। कहते हैं कि, इस भोग को लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
नौतपा के दौरान आपको भोग लगाने के दौरान घी का दीपक और लाल पुष्प को अर्पित कर सकते है। कहते हैं कि, सूर्य के मंत्रों के साथ आप यह लाल फूल और शुद्ध घी का भोग लगा सकते है। इस उपाय को करने से जीवन में स्थिरता और शुभता लाने वाला है।