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मां पार्वती को प्रसन्न करने बठुकम्मा त्यौहार का हुआ आगाज़

आंध्रप्रदेश तेलंगाना का प्रमुख त्यौहार बठुकम्मा या बतुकम्म का आगाज़ हो गया है। यह त्यौहार नौ दिन तक मनाया जाता है।

  • By मृणाल पाठक
Updated On: Jul 07, 2025 | 05:15 PM

मां पार्वती को प्रसन्न करने बठुकम्मा त्यौहार का हुआ आगाज़

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बठुकम्मा त्यौहार नौ दिन (16 अक्टूबर-24 अक्टूबर) का रहता है। यह महोत्सव फूलों का त्यौहार है। हिन्दू पंचाग के अनुसार यह बठुकम्मा फेस्टिवल श्राद्ध पक्ष, भादों की अमावस्या जिसे महालय अमावस्या भी कहते है, के दिन शुरू होता हैं और नव रात्रि की अष्टमी के दिन खत्म होता हैं।

इस त्यौहार में माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है। वर्षा ऋतू के समय फूलों और वर्षा की वजह से होने वाले खूबसूरत वातावरण का धन्यवाद करना ही इस त्यौहार का मुख्य उद्देश्य है। संसार में फूलों से मूर्तियों की पूजा होती है, लेकिन तलेगांना के इस त्यौहार में फूलों से फूलों की पूजा की जाती है।

बटुकम्मा को फूलों से सात परतों से गोपुरम मंदिर की आकृति बनाई जाती है। तेलुगु में बटुकम्मा का मतलब होता है, देवी मां जिन्दा है। नौ दिन इस त्यौहार में शाम के समय महिलायें, लड़कियां एकत्र होकर इस त्यौहार को मनाती हैं इस समय ढोल बजाये जाते हैं। इस दिन फूलों से तरह- तरह की लेयर बनाई जाती हैं, जिसे थम्बलम (Thambalam) के नाम से जाना जाता हैं।

सभी महिलाएं बठुकुम्मा के चारों ओर गोला बनाकर क्षेत्रीय बोली में गाने गाती हैं। इस दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख, समृधि, खुशहाली के लिए प्राथना करती है। हर एक दिन का अपना एक नाम है, जो नैवैदयम (प्रसाद) के अनुसार रखा गया है। बहुत से नैवैदयम बनाना बहुत आसान होता है, शुरू के आठ दिन छोटी बड़ी लड़कियां इसे बनाने में मदद करती है।

आखिरी दिन को सद्दुला बठुकम्मा कहते है, सभी महिलाएं मिलकर नैवैदयम बनाती है। इस अंतिम दिन बठुकम्मा को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है।

Bathukamma festival begins telangana festival south india festival

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Published On: Oct 16, 2020 | 01:38 PM

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