Ram Mandir Dhwajarohan: उत्तरप्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर धाम के लिए आज का दिन बेहद खास है। यहां पर 10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबे समकोण वाले तिकोने ध्वज का आरोहण किया गया। सिर्फ अयोध्या वासी ही नहीं देश के सभी वासियों के लिए यह खुशी का क्षण है। इस समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे है। बता दें कि, यह आयोजन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी पर श्रीराम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त में हुआ।
इस खास मौके पर पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना भी की। रामपथ पर पीएम मोदी के रोड शो के दौरान भव्य स्वागत किए जाने की तैयारी है। करीब एक किमी लंबे इस मार्ग के दोनों तरफ 12 स्थानों पर महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों की ओर से पुष्प वर्षा के साथ उनकी अगवानी की जाएगी।
इस ध्वज की खासियत है कि, इसमें भगवान श्रीराम की प्रतिमा और वीरता के प्रतीक चमकते सूरज की तस्वीर है। इस पर कोविदार वृक्ष की तस्वीर के साथ ''''ॐ'''' लिखा है। पवित्र भगवा झंडा रामराज के आदर्शों को दिखाते हुए गरिमा, एकता और सांस्कृतिक निरंतरता का संदेश देता है। इसके अलावा यह ध्वज 10 फीट ऊंचे और 20 फीट लंबा तिकोना ध्वज है।
राम मंदिर ध्वजारोहण आयोजन से पहले ही अयोध्या में राममंदिर की खूबसूरत तस्वीर सामने आई थी। इस तस्वीर में राममंदिर की तस्वीर बेहद खूबसूरत नजर आ रही है। राम मंदिर को 161 फीट ऊंचे दंड पर सोना मढ़ा गया है। करीब 21 किग्रा सोना इस दंड पर लगा है।
इस आयोजन के मौके पर एक किमी लंबे इस मार्ग के दोनों तरफ 12 स्थानों पर महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों की ओर से पुष्प वर्षा के साथ उनकी अगवानी की जाएगी। साकेत कॉलेज के गेट पर वैदिक आचार्यों के नेतृत्व में बटुक शंख ध्वनि के साथ स्वस्तिवाचन करेंगे।
यह ध्वज पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर आर्किटेक्चरल शैली में बने राम मंदिर के शिखर पर फहराया गया है। राम जन्मभूमि परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े बारीकी से पत्थर पर उकेरे गए 87 प्रसंग हैं। घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य ढाल वाले प्रसंग रचे गए हैं।
मुंबई के कारीगर यहां दंड का आवरण लेकर राम मंदिर में आए हैं और नाभि दंड पर स्वर्ण का आवरण चढ़ाया गया है। राम मंदिर के पश्चिम दिशा में इस नाभि दंड को देखा जा सकता है जिस पर आधे से अधिक लंबाई में स्वर्ण पत्तल चढ़ा दिया गया है।