नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ ही कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो सीधे आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं।
1 अप्रैल 2025 से बदल जाएंगे यह 10 बड़े नियम। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ ही कई नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं, जो सीधे आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं। 1 अप्रैल 2025 से बैंकिंग, GST, इनकम टैक्स और डिजिटल पेमेंट जैसे कई सेक्टर्स में बदलाव लागू होंगे, जिनका असर हर आम नागरिक और बिजनेस करने वालों की जेब पर पड़ेगा। ऐसे में अगर आप पहले से तैयार रहेंगे, तो किसी भी परेशानी से बच सकते हैं। आइए जानते हैं 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले 10 बड़े बदलाव के बारे में...
यूपीआई (सौ. सोशल मीडिया )
डोरमेंट अकाउंट किए जाएंगे बंद: 1 अप्रैल 2025 से National Payments Corporation of India फ्रॉड और फिशिंग स्कैम को रोकने के लिए UPI ID को डिसेबल कर देगा, जो पिछले 12 महीनों में इस्तेमाल नहीं की गई है। जो यूजर्स अपनी डोरमेंट UPI ID को फिर से एक्टिवेट नहीं करते हैं, वे उन्हें पूरी तरह से खो सकते हैं। इसलिए बिना किसी रुकावट के डिजिटल पेमेंट करने के लिए आपको डोरमेंट UPI ID को फिर से एक्टिव करना ही होगा।
अब FD होगी ज्यादा फायदेमंद: फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है। 1 अप्रैल से FD, RD और इस तरह की दूसरी सेविंग स्कीम्स पर बैंक 1 लाख रुपये तक के ब्याज पर TDS नहीं काटेगा। ध्यान दें कि यह लिमिट सीनियर सिटीजन के लिए तय की गई है, उनके लिए पहले ये लिमिट 50 हजार रुपये थी, जिसे बढ़ाकर अब 1 लाख रुपये कर दिया गया है। वहीं, दूसरे निवेशकों को भी राहत दी गई है, और उनके लिए इस लिमिट को 40 हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया है। यानी सीनियर सिटीजन को FD पर अगर एक साल में 1 लाख रुपये तक का इंटरेस्ट मिलता है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटेगा। सीनियर सिटीजन के लिमिट को सीधा डबल कर दिया गया है, जिससे उन्हें काफी फायदा होगा।
सेविंग अकाउंट और FD इंटरेस्ट रेट में बदलाव: अधिकतर बैंक 1 अप्रैल से सेविंग अकाउंट और FD की ब्याज दरों में बदलाव करने जा रहे हैं। SBI बैंक, HDFC बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और IDBI बैंक जैसे कई बैंकों ने अपनी FD और स्पेशल FD के इंटरेस्ट रेट में बदलाव किया है। आप बैंक की वेबसाइट पर जाकर एक अप्रैल से लागू होने वाली ब्याज दरों को चेक कर सकते हैं।
डिविडेंड पाने के लिए पैन-आधार करना होगा लिंक: अगर आपका पैन-आधार लिंक (PAN-Aadhaar link) नहीं है, तो 1 अप्रैल से आपको स्टॉक्स पर डिविडेंड नहीं मिलने वाला है। इसके साथ ही कैपिटल गेन पर TDS की कटौती भी बढ़ जाएगी और आपको फॉर्म 26AS में कोई क्रेडिट भी नहीं मिलेगा।
डीमैट-म्यूचुअल फंड अकाउंट के नियम होंगे कड़े: SEBI ने म्यूचुअल फंड और डीमैट अकाउंट खोलने के नियमों को और सख्त किया है। नए नियमों के मुताबिक सभी निवेशकों को अपने KYC और नॉमिनी डिटेल को फिर से अपडेट करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर आपका डीमैट अकाउंट फ्रीज किया जा सकता है। हालांकि, आप फ्रीज हुए अकाउंट को फिर से एक्टिव करा सकते हैं।
सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी: 1 अप्रैल से अगर आपके सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं है, तो बैंक आप पर जुर्माना लगा सकते हैं। विभिन्न बैंकों की मिनिमम बैलेंस लिमिट अलग-अलग हो सकती हैं, इसलिए जुर्माने से बचने के लिए अपने बैंक की पॉलिसियों को समझ लें।
GST नियमों में बदलाव: सरकार नए फाइनेंशियल ईयर में GST नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके तहत 1 अप्रैल 2025 से इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर सिस्टम लागू होने जा रहा है। इस बदलाव का मकसद राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू के सही डिस्ट्रीब्यूशन की गारंटी देना है। यह बदलाव GST सिस्टम को और ज्यादा स्ट्रीमलाइन करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ISD सिस्टम से न केवल राज्यों के बीच टैक्स रेवेन्यू डिस्ट्रीब्यूट होगा, बल्कि व्यवसायों को भी अपनी टैक्स लायबिलिटी को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिलेगी।
LPG गैस सिलेंडर (सौ. सोशल मीडिया )
नए टैक्स नियम होंगे लागू: बजट 2025-26 में मिडिल क्लास को इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली थी। 1 अप्रैल 2025 से सालाना 12 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री होगी, यह राहत केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगी, जो नए टैक्स रिजीम को चुनते हैं। असेसमेंट ईयर 2025-26 आधिकारिक तौर पर 1 अप्रैल से शुरू होगा। यानी अब से नया टैक्स सिस्टम डिफॉल्ट होगा। अगर कोई टैक्सपेयर 80C का बेनिफिट लेने के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत टैक्स फाइल करना चाहता है, तो उसे इसका विकल्प अलग से चुनना होगा।