पश्चिम बंगाल के दीघा मंदिर में धाम शब्द जोड़ने से जगन्नाथ पुरी के महंत नाराज
भुवनेश्वर: ओडिशा में भगवान जगन्नाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में भी दीघा में जगन्नाथ मंदिर का निर्माण कराया गया है। इसे जगन्नाथ धाम के रूप में चित्रित किया गया है। इसे लेकर ओडिशा में भगवान जगन्नाथ मंदिर के पुजारियों और भक्तों ने विरोध जताया है और मंदिर से जगन्नाथ धाम शब्द हटाने की मांग की है।
दीघा में जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के दौरान मुख्य पुजारी रहे रामकृष्ण दासमोहपात्रा ने भी पश्चिम बंगाल में नए मंदिर से जुड़े ‘जगन्नाथ धाम’ शब्द को हटाने की मांग की थी। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘मैं भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से दीघा जगन्नाथ मंदिर से ‘धाम’ शब्द हटाने का अनुरोध करता हूं। मैं ओडिशा सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन से भी इस मामले पर बातचीत करने का आग्रह करता हूं। मेरी समझ में पुरी ही एकमात्र स्थान है जिसे ‘जगन्नाथ धाम’ कहा जाता है।’ उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में ममता बनर्जी को पत्र लिखेंगे।
उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी इस घटनाक्रम से अवगत हैं। देव ने कहा, ‘मेरे पास सीमित ज्ञान है और मैं ममता बनर्जी जितना बुद्धिमान नहीं हूं। मैं जानता हूं कि भारत में चार ‘धाम’ हैं। उन्हें यह बताना चाहिए कि उन्होंने दीघा मंदिर को ‘धाम’ क्यों कहा। देश में कई जगन्नाथ मंदिर हो सकते हैं, लेकिन पुरी एकमात्र जगन्नाथ ‘धाम’ है।’ श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के पूर्व सदस्य माधव महापात्रा ने बनर्जी से अपील की कि वह ऐसा ‘‘गलत दावा” करने से बचें।
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प्रसिद्ध रेत कलाकार और पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सुदर्शन पटनायक ने इस मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सफाई मांगी है। उन्होंने बनर्जी पर दुनिया भर में भगवान जगन्नाथ के करोड़ों भक्तों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है। दीघा में जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के बाद बनर्जी ने इसे ‘धाम’ की संज्ञा दी थी। पटनायक ने कहा कि हमारे पवित्र धर्मग्रंथों के अनुसार केवल एक ही ‘जगन्नाथ धाम’ है, जो पुरी में स्थित है। किसी अन्य मंदिर को इस नाम से जोड़ने से भ्रम पैदा हो सकता है।