मुंबई: वेट्टैयन फिल्म का पब्लिक रिव्यू भी सामने आ गया है। दर्शकों को रजनीकांत और अमिताभ बच्चन की एक्टिंग पसंद आई है। लेकिन फिल्म की कहानी को लोग घिसी पिटी कहानी बता रहे हैं। दरअसल इस फिल्म की कहानी को और भी दिलचस्प बनाया जा सकता था। फिर भी इंसाफ की आड़ में फर्जी एनकाउंटर करने वालों के मुंह पर यह फिल्म एक तमाचा है ऐसा लोग कह रहे हैं।
फिल्म की कहानी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एसपी अथियन (रजनीकांत) पर आधारित है। फिल्म में जस्टिस सत्यदेव (अमिताभ बच्चन) भी मौजूद हैं। एक तरफ आईपीएस अधिकारी का यह मानना है कि इंसाफ में देरी मतलब इंसाफ नहीं। तो ऐसे में वह अपराधियों को खुद सजा देने में विश्वास रखते हैं और वह अपराधियों का एनकाउंटर कर देते हैं। जबकि उनके विचारधारा से अलग जस्टिस सत्यदेव का यह मानना है कि इंसाफ जल्दबाजी या फिर किसी के दबाव में आकर नहीं किया गया होना चाहिए। मानवाधिकारों का भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
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निर्दोष का एनकाउंटर
अथियन और सत्यदेव दोनों के विचारधारा एक दूसरे से विपरीत है लेकिन दोनों अपनी अपनी जगह सही भी कह रहे हैं। फिल्म की कहानी में तब बड़ा ट्विस्ट आ जाता है जब अथियन के हाथों एक निर्दोष व्यक्ति का एनकाउंटर हो जाता है। लेकिन जब उसे इस बात का पता चलता है तो उसे आत्मग्लानि होने लगती है। अब ऐसे में वह आगे क्या कदम उठाता है, असली कातिल को पकड़ने के बाद अथियन उसका क्या करता है, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखना होगा।
दरअसल का फिल्म की कहानी में एक स्कूल टीचर संध्या (दुशारा विजयन) का बलात्कार और हत्या के मामले में अथियन जल्दबाजी में इंसाफ करना चाहते हैं, लेकिन मीडिया और राजनीतिक दबाव में आकर जल्दबाजी में एनकाउंटर करने की कोशिश में उनसे एक निर्दोष की हत्या हो जाती है और यही फिल्म की कहानी का सबसे बड़ा टर्निंग प्वाइंट साबित होता है।
सोशल मीडिया पर आए रिव्यू और सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो जिनमे फिल्म देखकर बाहर आए लोग फिल्म पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उनका यह कहना है कि फिल्म की कहानी दमदार है। लेकिन इसे और दिलचस्प बनाया जा सकता था। फिल्म का सेकंड हाफ थोड़ा सा सुस्त है। लेकिन कुल मिलाकर अमिताभ बच्चन और रजनीकांत की एक्टिंग देखने के लिए आपको एक बार फिल्म जरूर देखनी चाहिए।