मुंबई: दीपिका पादुकोण के घर नन्ही परी का आगमन हुआ है। पिता बने रणवीर सिंह समेत परिवार की सभी लोग बेहद खुश हैं। लेकिन दीपिका पादुकोण के लिए मां बनना किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि उन्हें ओसीडी के साथ-साथ नवजात की देखभाल भी करनी है। चलिए जानते हैं इस बीमारी के साथ नवजात की देखभाल कैसे किया जा सकता है।
कुछ दिनों पहले ही दीपिका पादुकोण ने इस बात का खुलासा किया था कि वह ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) से जूझ रही हैं। जिसके लिए वह घर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करती हैं और हर चीजों को व्यवस्थित रखने का प्रयास करती हैं। लेकिन डिलीवरी के बाद उनकी इस समस्या से उन्हें काफी चुनौती मिलने वाली है। यह कहा जा सकता है।
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क्या होता है ओसीडी
दीपिका पादुकोण ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर नाम की जिस बीमारी से जूझ रही हैं, वह एक मानसिक बीमारी है और यह कंपल्सिव बिहेवियर के वजह से जन्म लेती है। किसी चीज को एक बार से अधिक जांच करने की आदत बन जाना, चीजों को साफ करते रहना, दरवाजे खिड़कियों को बंद कर करके रहना और हमेशा चीजों की सफाई पर ध्यान देना यह ओसीडी के शुरुआती लक्षण हैं और दीपिका पादुकोण में फिलहाल यही लक्षण दिखाई दे रहे हैं।
दीपिका पादुकोण ओसीडी से कितनी परेशान
दीपिका पादुकोण ने खुद एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि उनकी ओसीडी उन्हें ज्यादा परेशान नहीं करती है। बल्कि यह उनके लिए एक थेरेपी का काम करती है। क्योंकि वह घर में भी साफ सफाई करती रहती हैं और वैनिटी वैन में भी उनके आसपास की जगह को वह साफ करने लगती हैं।
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दीपिका पादुकोण की ओसीडी से बेटी को कितना खतरा
रिसर्च बताते हैं कि ओसीडी के पेशेंट अपने बच्चों की देखभाल के लिए भी साफ सफाई का बेहद ज्यादा ध्यान रखते हैं। इसमें कोई मुश्किल या परेशानी की बात नहीं है, लेकिन कई बार साफ सफाई की ये आदत परेशानी का सबक बन जाती है, तो ऐसे में चिकित्सकों की सलाह लेना बेहद जरूरी है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि दीपिका के ओसीडी के शुरुआती फेज में होने के बावजूद दीपिका की बेटी को इस बीमारी से कोई खतरा नहीं है।
डिप्रेशन से उबर चुकी हैं दीपिका पादुकोण
दीपिका पादुकोण डिप्रेशा भी झेल चुकी हैं लेकिन अब वो इस बिमारी से उबर चुकी हैं। इससे उबरने में उन्हें काफी वक्त लगा लेकिन उपचार और योग का सहारा लेकर वो इस बिमारी पर जीत हासिल कर चुकी हैं। दीपिका ने एक मीडिया प्लेटफॉर्म को दिये इंटरव्यू में बताया कि 2014 में उन्हें डिप्रेशन हुआ था। इस दौरान उनका किसी से मिलने या बात करने का मन नहीं करता था। वह काम से भी दूर रहने की कोशिश करती थी, क्योंकि उनका काम करने का मन नहीं करता था।