आंगनबाड़ी केंद्र में घटिया पोषण आहार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Yavatmal News: महाराष्ट्र सरकार के एकीकृत महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और शून्य से तीन वर्ष तक के बच्चों को अच्छा पोषण आहार प्रदान किया जाता है, ताकि आंगनबाड़ीकेंद्रों के माध्यम से गरीब परिवारों को गुणवत्तापूर्ण पोषण उपलब्ध कराया जा सके। नागरिकों ने तहसीलदार अमित भोइते से शिकायत की है कि आंगनबाड़ीकेंद्रों से वितरित किया जा रहा पोषण आहार निम्न गुणवत्ता का है।
बताया गया कि पोषण आहार खिचड़ी में दाल और तेल का मिश्रण होता है। यह आहार महाराष्ट्र सरकार द्वारा मान्य और 2026 तक वैधता वाले पैकेटों में वितरित किया जा रहा है। हालांकि कई लाभार्थी महिलाओं का कहना है कि खिचड़ी पकाते समय उसमें से दुर्गंध आती है। कई महिलाएँ ऐसे पैकेट घर नहीं ले जातीं, और कुछ स्थानों पर तो यह आहार जानवरों को खिलाया जा रहा है। ऐसा शिकायत में उल्लेख किया गया है।
शिकायतकर्ताओं ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार इस योजना पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, परंतु गरीब लाभार्थी महिलाओं को इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है। दो वर्ष पूर्व लाभार्थियों को तेल, चीनी, दालें और अन्य अनाज वितरित किए जाते थे, लेकिन अब उनकी जगह घटिया गुणवत्ता का मिश्रण दिया जा रहा है।
नागरिकों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की जाए। जांच समिति को लाभार्थी महिलाओं की बातें सुनकर पोषण आहार की गुणवत्ता में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
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इस अवसर पर विजय पाटिल, प्रशांत वाहेकर, शंकर गायधने, पर्वता मुखरे, शारदा चुनारकर, सुनील सावरकर, योगेश मालोंडे, रोशन उताने, धनराज श्रीरामे, सुधाकर शिखरे, महादेव मुखरे, श्रीकांत कोडाने, देवराव नाखले, अनिल वैद्य, नागोराव कुमरे, प्रवीण राऊत और बंडू कन्नाके ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में जल्द सुधार नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों के समक्ष आंदोलन किया जाएगा।