श्रीजीत बने पायलट (सौजन्य-नवभारत)
Pilot Shreejit: यवतमाल जिले के झरी जामनी में आदिवासी बहुल झरी जामनी तहसील के सिंधीवाढोणा गांव के निवासी श्रीजीत ने बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखा था। वंदनाताई और पुरुषोत्तम आवारी के पुत्र श्रीजीत ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के बल पर अपना यह सपना साकार किया। नागरी विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की परीक्षा उत्तीर्ण कर अब वह पायलट बन गए हैं।
श्रीजीत का सपना आर्थिक कठिनाइयों के कारण अधूरा रह जाएगा, ऐसी आशंका थी। लेकिन जब उन्होंने अपनी इच्छा माता-पिता से साझा की, तो उन्होंने हरसंभव सहयोग देने का वादा किया। 2019 में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद श्रीजीत ने विदेश जाकर सीपीएल (Commercial Pilot Li-cense) का प्रशिक्षण लिया।
अनेक मुश्किलों का सामना करते हुए उन्होंने गूगल और यूट्यूब की मदद से पढ़ाई की, कई पायलटों से मार्गदर्शन लिया और अंततः डीजीसीए की परीक्षा पास कर ली। फिलीपींस से प्रशिक्षण लेकर श्रीजीत आज गर्व से कहते हैं “मैं पायलट हूं।” इस सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता और मार्गदर्शकों को दिया। गांव में 22 अगस्त को भव्य स्वागत सत्कार का आयोजन किया गया।
उन्होंने कहा – “जिनके सपने दमदार होते हैं, वही अपने लक्ष्य को हासिल करते है।” पंख होने से फर्क नहीं पड़ता, जिद और हौसले से ही उड़ान सफल होती है।’ ऐसा कहकर कार्यक्रम का समापन हुआ।
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सरपंच विनोद निखाडे के हाथों उनका सत्कार हुआ। इस अवसर पर श्रीजीत ने कहा कि अधिक से अधिक युवाओं को भी पायलट बनने का सपना साकार करना चाहिए। इस अवसर पर सिंधीवाढोणा गांव के पुलिस पाटिल ज्ञानेश्वर गानफाडे, उपसरपंच उज्वला आवारी, कृषि उत्पन्न बाजार समिति झरी जामनी के उपसभापति मंगेश मोहीतकार, मनोहर निखाडे, दयालाल काकडे, राजीव आस्वले, गणपत आवारी, गजानन निखाडे, किशोर गेडाम, कवडु ठमके, राजकुमार पाचभाई, सुभाष आस्वले, विजय देठे, आशीष महाकुलकर, बिजाराम कार्यक्रम का संचालन व आभार प्रदर्शन सुमीत बुरडकार ने किया।