यवतमाल न्यूज
Yavatmal News: यवतमाल जिले में सरकारी अस्पताल का नाम आते ही लोग अक्सर शक की नजर से देखते हैं। अगर वहां किसी मरीज की मौत हो जाए, तो डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगना तय माना जाता है। ऐसे समय में मरीज के परिजन आक्रामक होकर डॉक्टरों पर हमले कर बैठते हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब डॉक्टरों को सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे।
जिले के उपजिला अस्पतालों और ग्रामीण अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था इस कारण और अधिक ‘टाइट’ की जा रही है। जिले में डॉक्टरों और नर्सों पर हमले की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इससे डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। इसका असर इलाज पर भी पड़ने की संभावना रहती है। चिकित्सक और कर्मचारी सुरक्षा की मांग कर रहे थे।
इसी को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर से ग्रामीण और उपजिला अस्पतालों में सुरक्षारक्षक देने का निर्णय लिया गया है। इस संदर्भ में मई माह में सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए थे। राज्यभर में आउटसोर्सिंग के जरिए 3025 सुरक्षा गार्डों की भर्ती को मंजूरी दी गई है। इसमें से 50 गार्ड यवतमाल जिले को मिलेंगे। पुणे की महाराष्ट्र सिक्योरिटी फोर्स एजेंसी के माध्यम से यह भर्ती की जाएगी।
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यवतमाल जिले को कुल 50 सुरक्षा गार्ड आउटसोर्सिंग के जरिए मिलेंगे। इनमें ग्रामीण अस्पतालों को प्रत्येक 2 गार्ड और उपजिला अस्पतालों को प्रत्येक 3 गार्ड दिए जाएंगे।
ग्रामीण अस्पताल (प्रत्येक 2 गार्ड): नेर, बाभुलगांव, घाटंजी, वणी, आर्णी, कलंब, दिग्रस, रालेगांव, मारेगांव, झरी, महागांव, सवना, उमरखेड़, उपजिला अस्पताल (प्रत्येक 3 गार्ड): पुसद, पांढरकवड़ा, दारव्हा को गार्ड दिए जाएंगे।