लाडकी बहिन योजना (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Ladki Bahin Yojana: यवतमाल जिले में ‘मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना’ के अंतर्गत 52 हजार महिलाओं के पात्रता पर संदेह जताया गया था। इस संदर्भ में महिला एवं बाल विकास विभाग ने जांच शुरू की थी। जांच पूरी होने पर सामने आया कि इनमें से 3,700 महिलाएं अपात्र हैं, जबकि 48 हजार लाडली बहनों को क्लीन चिट मिल गई है।
इस बीच, विभाग ने ई-केवाईसी प्रक्रिया की अनिवार्यता से कुछ दिनों की राहत दी है, जिससे लाभार्थियों के खातों में रकम का जमा होना फिलहाल जारी है। यवतमाल जिले में कुल छह लाख से अधिक महिलाओं को योजना के लिए पात्र घोषित किया गया था। इनमें से 52 हजार नामों पर अपात्रता का संशय था। गांव स्तर पर आंगनवाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं की मदद से इनकी जांच कराई गई।
जांच रिपोर्ट अब राज्य सरकार को भेज दी गई है। जांच में सामने आया कि कुछ महिलाओं की आयु 65 वर्ष से अधिक थी, जबकि कुछ परिवारों में एक से अधिक सदस्य एक ही योजना का लाभ ले रहे थे। इस तरह के प्रकरणों को नियमों का उल्लंघन मानते हुए संबंधित लाभार्थियों को अपात्र घोषित किया गया है। इन महिलाओं के नाम अब सहायता सूची से हटा दिए गए हैं, जिससे आगे केवल पात्र लाभार्थियों के खातों में ही निधि स्थानांतरित की जाएगी।
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‘लाडली बहन योजना’ की पात्र महिलाओं के बैंक खातों में राशि का वितरण शुरू हो गया है। भाई-दूज के अवसर पर राशि जमा होने से बैंकों में महिलाओं की भीड़ देखी गई थी। अब अक्टूबर माह की किस्त भी खातों में आनी शुरू हो गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सभी लाभार्थी महिलाएं 18 नवंबर तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें, ताकि आगे की किस्तों में कोई अड़चन न आए।