यवतमाल न्यूज
Darwha Corruption Case: दारव्हा तहसील के शेलोड़ी ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितता और आर्थिक गड़बड़ी से संबंधित दस्तावेज़ उपलब्ध न कराने वाले ग्रामसेवक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर गाँव के सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर राठोड़ ने 30 जुलाई को पंचायत समिति दारव्हा के गटविकास अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई थी।
कार्रवाई में हो रही देरी को देखते हुए राठोड़ ने 16 सितंबर को अनिश्चितकालीन बेमियादी अनशन शुरू किया था इसके बाद गटविकास अधिकारी ने लिखित आश्वासन दिया था कि 23 सितंबर को जांच समिति शेलोड़ी ग्राम पंचायत में जाकर जांच करेगी और 30 सितंबर तक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। मगर 23 सितंबर को समिति ने ग्राम पंचायत का दौरा तो किया।
लेकिन उस समय कई आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे जांच के लिए कुछ विकास कार्यों से संबंधित दस्तावेज़ जब्त किए गए थे। परंतु जानकारी के अनुसार शेलोड़ी से तबादला किए गए तत्कालीन ग्रामसेवक ने कई दस्तावेज अपने पास ही रखे हुए हैं। जिस वजह से आज तक जांच पूरी नहीं हो पाई है और रिपोर्ट भी प्रस्तुत नहीं की गई है। विकास कार्य हुए बिना ही बिलों की निकासी के प्रमाण सामने आए हैं।
जिससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की शंका और मजबूत हो गई है। इस पूरे मामले में पंचायत समिति दारव्हा प्रशासन पर दोषियों को संरक्षण देने का आरोप ग्रामस्थों और सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर राठोड़ की ओर से लगाया जा रहा है। गट विकास अधिकारी ने लिखित आश्वासन देने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिससे नागरिकों में प्रशासन दोषियों को बचाने का प्रयास कर रहा है ऐसी चर्चा जोरों पर है।
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इस अन्याय के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए सामाजिक कार्यकर्ता ईश्वर राठोड़ ने चेतावनी दी है कि यदि 4 नवंबर तक पूरी जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे 5 नवंबर को पंचायत समिति कार्यालय में आत्मदहन करेंगे इस संबंध में उन्होंने प्रशासन को लिखित निवेदन भी सौंपा है।
शिकायत दर्ज किए चार महीने हो गए, फिर भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। बेमियादी अनशन किया था लिखित आश्वासन मिला फिर भी जांच और दोषियों पर कार्रवाई से बचा जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पंचायत समिति प्रशासन शेलोड़ी ग्राम पंचायत के गैरव्यवहार और दोषियों को बचाना चाहता है। इसलिए प्रशासन की उदासीनता से तंग आकर 5 नवंबर को पंचायत समिति कार्यालय में आत्मदहन करने का निर्णय लिया है।
ईश्वर राठोड़( सामाजिक कार्यकर्ता )