वर्धा. वन रैंक वन पेंशन-2 में विसंगती दूर करने तथा सैनिक, अधिकारी और जेसीओ जवानों को समान हिस्सा दिए जाने की मांग को लेकर पूर्व सैनिकों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर दस्तक दी़ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के नाम भेजे ज्ञापन में कहा कि देश की सेना में चलते आ रहे जेसीओ जवानों के साथ अनुशासन के नाम पर अन्याय किया जाता है़ शस्त्र की जगह पर सैनिकों के हाथ में अधिकारी तथा परिवारों के कपड़े होते है.
अवमानवीय अन्याय होता है़ इस ओर गंभीरता से ध्यान दे़ केंद्र सरकार की ओर से सैनिकों को ओरआरओपी-2 देने के बहाने धोखाधड़ी हुई है़ सारी मलाई अधिकारी खा रहे है़ एमएसपी एक समान होना चाहिये़ क्योंकि सेना में हर जगह पर तैनात जेसीओ और जवान ही रहते है़ फिर हो प्रशिक्षण का मैदान हो या जंग का मैदान हो़ या सियाचिन ग्लेशियर की बर्फिली चोटी हो़ वीर नारी, विधवा और जवानो की वीरता के साथ में अधिकारी के बीच बड़ा अंतर किया जाता है़ वीर नारी की पेंशन बहुत ही कम होती है, जो की शर्मनाक है.
सेनाधिकारी, जेसीओ, जवान को सेना की दी जानेवाली सुविधाये जैसी कि, इसीएचएस, सीएसडी, एमसीओ इन सभी जगहों पर अधिकारी मनमानी करके सैनिको पर अन्याय करते है़ दिल्ली में जंतर मंतर पर हो रहे आंदोलन का भारतीय पूर्व सैनिक संगठन, वर्धा ने समर्थन किया है़ सैना में लागू ब्रिटिशकालीन (काले) नियम तत्काल निरस्त किये जाने की मांग संघ के अध्यक्ष श्याम परसोडकर ने की़ आंदोलन में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद थे.