छात्रों ने रोकी एसटी बस, सुपर बसों को स्टॉप देने की मांग (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha district: वर्धा-आर्वी राजमार्ग पर स्थित मजरा गांव में शुक्रवार सुबह छात्रों और ग्रामीणों ने मिलकर महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) की बसों को रोक दिया। बीते कुछ दिनों से गांव के बस स्टॉप के पास सुपर बसें नहीं रुकने के कारण छात्रों को भारी शैक्षणिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी के विरोध में छात्रों और नागरिकों ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। दौरान कुछ देर के लिए राजमार्ग की यातायात प्रभावित हो गई थी़।
मजरा और आसपास के गांवों के छात्र प्रतिदिन वर्धा, आर्वी और अन्य स्थानों पर पढाई के लिए जाते हैं। लेकिन एसटी की सुपर बसें गांव में नहीं रुक रही हैं, जिससे छात्रों को मजबूरन निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा था। इससे न सिर्फ समय और पैसों की बर्बादी हो रही थी, बल्कि उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही थी। एक ओर सरकार द्वारा योजना के माध्यम से एसटी बस की पास विद्यार्थियों को दी जाती है़ वृद्ध व महिलाओं को नि:शुल्क यात्रा की सहुलियत दी है़।
लेकिन बस के अभाव में निजी वाहनों से यात्रा के लिए खर्च करना पड रहा है़ जिससे सभी में रोष व्याप्त था़ शुक्रवार सुबह मजरा गांव से गुजरने वाली एसटी बसों को छात्रों और ग्रामीणों ने रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों को लिखित निवेदन सौंपा गया, जिसमें यह मांग की गई कि सुपर बसों को गांव में स्टापेज दिया जाए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही इस मांग पर कार्यवाही नहीं हुई, तो तीव्र आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में छात्र और नागरिक शामिल हुए।
ग्रामवासियों का कहना है कि बस स्टॉप पर बसों का न रुकना आम यात्रियों और छात्रों के लिए भारी असुविधा का कारण बन रहा है। भले ही सरकार ने सुपर बसें शुरू की हों, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बसों को आवश्यक स्थानों पर रोका जाना चाहिए। जब बसें प्रवासी निवारा पर नहीं रुकीं, तो ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला।
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इस आंदोलन के चलते शुक्रवार को कुछ समय के लिए राजमार्ग पर यातायात प्रभावित हो गई थी। ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि स्थिति बिगड़ने से पहले संबंधित अधिकारी इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दें। छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुपर बसों को मजरा गांव के प्रवासी निवारा पर रोकना अनिवार्य है। अन्यथा, गांववाले उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे, ऐसी स्पष्ट चेतावनी के रूप में फिर से कहा गया है।