लौटते मानसून ने किया हलाकान फसलों को भारी नुकसान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha District: वर्धा जिले में दो-तीन दिनों की राहत के बाद फिर से लौटते मानसून ने जोरदार दस्तक दी है। शुक्रवार, 26 सितंबर की रात से लेकर शनिवार तक बिजली कड़कने के साथ भारी बारिश हुई, जिससे कई क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है।लगातार हो रही बारिश के कारण खेती के काम ठप पड़ गए हैं और किसान हताश नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल लौटते मानसून का दौर जारी है।
खरीफ सीजन में वैसे ही भारी बारिश, बाढ़, सतत वर्षा और अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन और कपास की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। कहीं पर तो खेतों की मिट्टी भी बह गई है।
येलो मोजैक और चारकोल रॉट जैसी बीमारियों ने सोयाबीन को पहले ही
नुकसान पहुंचाया था, और अब इस बारिश ने स्थिति को और बदतर बना दिया है। शुक्रवार रात की बारिश के दौरान वर्धा, आर्वी, देवळी, हिंगनघाट, समुद्रपूर और सेलू तहसील में भारी बारिश दर्ज की गई। हिंगनघाट तहसील में विशेष रूप से तेज बिजली गिरने की घटनाएं हुईं। इससे महावितरण के इन्सुलेटर फट गए और कई क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। हिंगनघाट शहर समेत कई गांवों में बिजली गुल हो गई थी। महावितरण के अधिकारी, कर्मचारियों ने युद्ध स्तर पर काम करते हुए रात में ही विद्युत आपूर्ति बहाल की।
शुक्रवार से जिले में पुनः बारिश शुरु हुई।इस दौरान गाज गिरनेसे चार जानवरों की मौत हुई है। समुद्रपुर तहसील में तिन बैल व वर्धा तहसील में एक गाय व एक भैंस
का समावेश है। इसमें किसानों का भारी नुकसान बताया गया। पीडितों ने आर्थिक राहत की मांग की है।
ये भी पढ़े: Wardha: रेत चोरी मामले में लाखों का माल जब्त, 4 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज
पहले से ही फसलें रोगों की चपेट में थीं और अब लगातार बारिश से और नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। खेतों में काम ठप हो गया है, जिससे खरीफ के बाद की तैयारियों पर भी असर पड़ सकता है। लौटते मानसून की इस तेज बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। फसलों को हुए नुकसान की भरपाई कैसे होगी, यह बड़ा सवाल बन गया है। प्रशासन से किसानों को जल्द राहत देने की मांग उठ रही है।