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वर्धा. कोरोना संकट के कारण रेल सेवा प्रभावित हो गई थी़ इससे मध्य रेलवे को भारी नुकसान भी उठाना पड़ा था़ किन्तु पिछले कुछ महीनों से रेल सेवा पटरी पर लौट गई है़ जिले के सेवाग्राम व वर्धा रेलवे स्टेशन से पहले की तरह नियमित ट्रेनें दौड़ रही है़ फलस्वरुप दोनों स्टेशनों पर प्रतिदिन 4.25 लाख रुपये तक आय प्राप्त हो रही है.
यात्रियों की संख्या बढ़ने से फिर एक बाद रेलवे स्टेशनों पर चहल- पहल बढ़ गई है़ पहले लाकडाउन के दौर में 153 वर्ष बाद पहली बार जिले की रेल सेवा ठप हो गई थी़ कई महीनों तक ट्रेनें बंद रखी गई थी़ इससे रेल सेवा पूर्णत: प्रभावित हो गई थी़ किसी तरह कोरोना महामारी से राहत मिलने पर मध्य रेलवे ने एक-एक करके स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया.
कोरोना की दूसरी लहर ने भी सर्वत्र हाहाकार मचा दिया था़ जिले में भी स्थिति अत्यंत गंभीर बन गई थी़ अनेक नागरिकों ने अपनी जान गंवाई. स्थिति को ध्यान में रखते हुए रेल प्रशासन ने अनेक ट्रेनें रद्द कर केवल स्पेशल ट्रेन चलाने पर जोर दिया़ परिणामवश आम यात्रियों को रेल सेवा से वंचित रहना पड़ा था़ केवल आरक्षित टिकट पाने वाले यात्रियों को ही ट्रेन में प्रवेश था.
दूसरी लहर का असर कम होने के बाद धीरे-धीरे रेलवे प्रशासन ने ट्रेनों की संख्या बढ़ाई़ वर्धा व सेवाग्राम रेलवे स्टेशन से चलने वाली नियमित एक्स्प्रेस गाड़ियों को चलाने का निर्णय लिया गया़ इससे यात्रियों को काफी राहत मिली़ परंतु इसमें आरक्षण लेने वालों को ही प्रवेश था़ इससे आम यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.
पैसेंजर ट्रेनें पूर्ववत चलाने की मांग जिले में सर्वत्र होने लगी़ इसके लिए क्षेत्र के सांसद रामदास तड़स ने भी प्रयास किए़ आखिरकार मध्य रेलवे ने दो पैसेंजर ट्रेनें शुरू करने का निर्णय लिया़ इसमें वर्धा-अमरावती व वर्धा-बल्लारशाह ट्रेन का समावेश है, जिससे आम यात्रियों को काफी राहत मिली है.
गत डेढ़ वर्ष तक कोरोना महामारी के कारण जिले में रेलवे सेवा प्रभावित रही थी़ वर्तमान में वर्धा रेलवे स्टेशन से दो तथा सेवाग्राम रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली 4 ट्रेनें छोड़ दोनों स्टेशनों से 55 से 60 ट्रेनें नियमित दौड़ रही है़ फलस्वरुप वर्धा स्टेशन को 3 लाख 50 हजार तथा सेवाग्राम रेलवे स्टेशन को 75 हजार रुपए के करीब प्रतिदिन आय प्राप्त हो रही है़ जो कि पहले की तुलना में अच्छी बताई जा रही है.