बोर और धाम सिंचाई परियोजनाओं का होगा जीर्णोद्धार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में वर्धा जिले की 2 सिंचाई परियोजनाओं बोर मोथा परियोजना (ता. सेलु) और धाम मध्यम परियोजना (ता. आर्वी) के जीर्णोद्धार के लिए लगभग 428 करोड़ 96 लाख रुपए के प्रावधान को मंजूरी दी गई। बोर मेगा परियोजना 1967 में वर्धा नदी पर बनाई गई थी। बोरी गांव के पास स्थित इस बांध का जलाशय 134,542 डी.एल.एम. है और उपयोग योग्य जल संग्रहण 123,212 डी.एल.एम. है।
इससे लगभग 16,194 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई के अंतर्गत आता है। इससे सेलू और समुद्रपुर तालुका के 77 गांव लाभान्वित होते हैं। इस परियोजना की 240 किलोमीटर लंबी नहर और वितरण प्रणाली लंबे समय तक उपयोग और लगातार भारी वर्षा के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है।
परियोजना की निस्तार क्षमता कम हो गई है और जल रिसाव बढ़ गया है। इसलिए इस वितरण प्रणाली का आधुनिकीकरण आवश्यक है। इस मरम्मत के अंतर्गत मुख्य नहर, वितरिकाओं, उप-वितरिकाओं, लघु नहरों के साथ-साथ बांध के कट-ऑफ, स्पिलवे, नालियों और पहुंच मार्गों का पुनर्निर्माण या उचित मरम्मत की जाएगी। इसके लिए 231 करोड़ 69 लाख रुपये का प्रावधान स्वीकृत किया गया है।
#मंत्रिमंडळनिर्णय
वर्धा जिल्ह्यातील दोन महत्त्वपूर्ण सिंचन प्रकल्प-बोर मोठा प्रकल्प (ता. सेलू) आणि धाम मध्यम प्रकल्प (ता. आर्वी) यांच्या नुतनीकरणासाठी सुमारे ४२८ कोटी ९६ लाख रुपयांच्या तरतुदीस मान्यता देण्यात आली.#CabinetDecision— MAHARASHTRA DGIPR (@MahaDGIPR) July 29, 2025
धाम परियोजना का निर्माण 1986 में पूरा हुआ था और इसकी पुरानी नहरें, वितरिकाएं और छोटी नहरें अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। यह परियोजना गोदावरी घाटी में वर्धा जिले के महाकाली गांव के पास धाम नदी पर बनाई गई है और 7,090 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई करती है। बामध की कुल लंबाई 1,663 मीटर है और मुख्य नहर, उप-वितरिकाओं और छोटी नहरों सहित वितरण प्रणाली 230 किलोमीटर लंबी है। इस परियोजना की जल-निकासी क्षमता कम हो गई है और संरचनाओं से पानी का रिसाव शुरू हो गया है।
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इसलिए, बांध, स्पिलवे, नहरों, निर्माण संरचनाओं, बांध की मुख्य सड़क और बांध तक पहुंचने वाले पहुमच मार्ग की भी मरम्मत की जाएगी। इसके लिए 197 करोड़ 27 लाख रुपये का प्रावधान स्वीकृत किया गया है। ये दोनों कार्य विशेष मरम्मत योजना के अंतर्गत किए जाएंगे। इन दोनों सिंचाई परियोजनाओं से विदर्भ में सिंचाई क्षेत्र को बहुत लाभ होगा।
बता दें कि तीसरी बार शपथ लेने के बाद विधायक डॉ. पंकज भोयर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से सेलू तालुका के किसानों के लिए वरदान साबित होने वाले बोर और धाम परियोजना के बांध और वितरण प्रणाली के जीर्णोद्धार तथा निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों के निर्माण के लिए निधि उपलब्ध कराने की मांग की थी। इस संबंध में भोयर ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दिए गए एक बयान में बोर और धाम परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया था।