बोर टाइगर रिजर्व के रास्ते बंद (सौजन्य-नवभारत)
Wardha News: नागपुर में चल रहे महाऐलगार आंदोलन का असर अब जिले के बोर व्याघ्र परियोजना के जंगल पर्यटन पर भी दिखाई दे रहा है। बुधवार सुबह बोर के सफारी ट्रैक पर केवल दो जीप्सी ही चलीं। बोर व्याघ्र परियोजना अपनी समृद्ध जैव विविधता और पट्टेदार बाघों सहित अन्य वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है।
दिवाली की छुट्टियों में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक जंगल सफारी का आनंद लेने आते हैं। इन दिनों नागपुर में पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कडू के नेतृत्व में चल रहे महाऐलगार आंदोलन के कारण नागपुर से वर्धा जिले में स्थित बोर व्याघ्र परियोजना तक पहुंचने वाले मार्ग बंद हो गए हैं। इसी वजह से जंगल पर्यटन को बड़ा झटका लगा है।
बुधवार, 29 अक्टूबर को सिर्फ दो जीप्सी कोर क्षेत्र के सफारी ट्रैक पर गईं। खास बात यह रही कि दोनों जीप्सी में सवार पर्यटक वर्धा मुख्यालय और सेलू तहसील के स्थानीय थे। वहीं दोपहर की सफारी के लिए 14 जीप्सियों की ऑनलाइन बुकिंग हो चुकी थी। इनमें हैदराबाद से आए छात्रों का समूह भी शामिल है, जिन्होंने पहले ही ऑनलाइन बुकिंग कर रखी थी।
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वे इस समय सेलू तहसील में ही ठहरे हुए हैं। अन्य पर्यटकों के बारे में जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी। बुधवार सुबह की जंगल सफारी के दौरान पर्यटकों को बोर की रानी बीटीआर-3 ‘कैटरिना’ नामक बाघिन अपने शावकों के साथ दिखाई दी। इसके अलावा, एक तेंदुए का भी साइटिंग होने की पुष्टि सूत्रों ने की है। यदि नागपुर का महाऐलगार आंदोलन कुछ और दिन जारी रहा, तो बोर व्याघ्र परियोजना के जंगल पर्यटन को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।