एक्सिस बैंक फ्रॉड (फाइल फोटो)
Bank Fraud Case: एक्सिस बैंक के लोन फ्रॉड प्रकरण में आर्थिक अपराध ब्रांच नें जांच को गति दी है। शातिर गिरोह ने वर्धा ब्रांच से जिन 20 लोगों के नाम पर 2.55 करोड़ का लोन उठाया है, उन सभी की पड़ताल शुरू कर दी गई है। इनमें से तीन से चार लोग पुलिस ने वैरिफाई कर लिए है, जिनमें रविंद्र गोमासे व स्वाति मगर का भी समावेश है।
जबकि कर्ज के दस्तावेज पर गलत पता दर्ज होने के कारण अन्य लोगों की खोज करने में पुलिस को दिक्कतें आ रही है। संपूर्ण प्रकरण के मास्टरमाईंड अनंता इंगले व अनूप बन्सोड की भी खोज जारी है। पुलिस की जांच में सामने आया कि, आरोपियों ने रिलेशनशिप ऑफिसर के माध्यम से कुछ गरीब लोगों के दस्तावेज प्राप्त किए। इन दस्तावेज के साथ फर्जी कागजाद लगाकर उनके नाम पर लोन उठाया गया। इस संपूर्ण मामले की बारिकी से जांच शुरू है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्धा के भामटीपुरा स्थित एक्सिस बैंक की ब्रांच से 20 लोगों के नाम लोन उठाया गया है। इसमें ललित थोरात के नाम पर 15 लाख, विनोद बोरकर के नाम पर 15 लाख रुपए, स्वाति मिलिंद मगर के नाम पर 15 लाख रुपए, मिनाक्षी गेडाम के नाम पर 22 लाख रुपए, अतीक रफीक शेख के नाम पर 15 लाख, रविंद्र गोमासे 15 लाख, गजानन गहूकार के नाम पर 15 लाख, सचिन लाडके 15 लाख, संदीप मडरे 15 लाख, निशांत ओगले 15 लाख रुपए, संतोष मोनातुरे 5 लाख रुपए, मंगेश जाधव 5 लाख रुपए, दीपक माहुलकर 15 लाख रुपए, प्रफुल्ल इंगोले 14 लाख 82 हजार रुपए, मीना वैरागडे 5 लाख, करण विनोद आमटे 5 लाख रुपये, संतोष संजय गवई के नाम से 15 लाख रुपए, अमित कुलकर्णी के नाम से 15 लाख रुपए व रणजीत वंजारी के नाम पर 10 लाख रुपए लोन उठाने की जानकारी है।
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ईओडब्ल्यू एक एक कर सभी का वेरिफिकेशन कर रही है। दस्तावेजों पर सभी का पता गलत दिया गया है। उदाहरण के तौर पर रविंद्र गोमासे मूल निवासी अमरावती का हैं, परंतु लोन केस में उसका पता हनुमान मंदिर के पास सावंगी (मेघे) बताया गया।
बैंक लोन प्रकरण की लिंक जीएस फाईनान्स कंपनी से भी जुड़ी हुई है। परिणामवश जेल पास हुए जीएस कंपनी फ्रॉड के आरोपी गजानन सातव व स्वाति मगर को आर्थिक अपराध शाखा पुलिस कब्जे में लेने की तैयारी में है। इसके बाद पुन: कुछ गंभीर खुलासे होने की संभावना है।