एटीएम चोरी के घटना के बाद जांच करती पुलिस (फोटो नवभारत)
ATM Machine Stolen In Samudrapur: लगभग सात वर्षों के अंतराल के बाद वर्धा जिले में एटीएम तोड़ने की एक बड़ी वारदात सामने आई है। समुद्रपुर में चोर एटीएम मशीन ही उखाड़ कर फरार हो गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार मशीन में 8 लाख रुपये से अधिक की नकदी थी। रविवार, 5 अक्टूबर की सुबह यह मामला उजागर होते ही परिसर में हड़कंप मच गया।
इससे पूर्व 2017 में वर्धा शहर से सटे बोरगांव (मेघे) में एटीएम सेंधमारी की घटना हुई थी। उसी दिन चोरों के गिरोह ने वायगांव-निपाणी तथा वर्धा के बैचलर रोड स्थित स्टेट बैंक के एटीएम केंद्रों को भी निशाना बनाया था।
उमरेड-हिंगनघाट मार्ग पर स्थित समुद्रपुर के बैंक ऑफ इंडिया एटीएम केंद्र को चोरों ने शनिवार की मध्यरात्रि निशाना बनाया। सबसे पहले चोरों ने वहां लगे सीसीटीवी कैमरों पर काला स्प्रे कर उन्हें निष्क्रिय किया, फिर गैस कटर की मदद से पूरी एटीएम मशीन उखाड़कर फरार हो गए। रविवार सुबह चोरी की जानकारी सामने आते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई।
सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक सदाशिव वाघमारे, उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुशीलकुमार नायर, समुद्रपुर के थानेदार रविंद्र रेवतकर एवं गिरड के थानेदार विकास गायकवाड़ दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मौके पर बड़ी संख्या में नागरिकों की भीड़ जमा हो गई थी।
यह भी पढ़ें:- कब सुधरेगा समाज? भारत में चाइल्ड रेप के आंकड़ों ने किया हैरान, महाराष्ट्र, MP और UP टॉप पर
बैंक के अधिकारी व कर्मचारी भी वहां पहुंचे थे। एटीएम मशीन में 8 लाख रुपये से अधिक नकदी होने की प्राथमिक जानकारी सामने आई है। फॉरेंसिक टीम, फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ और डॉग स्क्वॉड ने घटनास्थल का मुआयना किया।
इस चोरी प्रकरण में समुद्रपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर स्थानीय अपराध शाखा, समुद्रपुर और गिरड थाने की 6 विशेष टीमें चोरों की तलाश में विभिन्न दिशाओं में रवाना की गई हैं। क्षेत्र के सभी छोटे-बड़े मार्गों और हाईवे पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
बता दें कि सात साल पहले बोरगांव मेघे की चोरी में शामिल चोरों को स्थानीय अपराध शाखा ने एक माह के भीतर दिल्ली व तेलंगाना से गिरफ्तार किया था। इसके अलावा तलेगांव शापं और कारंजा थाना क्षेत्रों में भी एटीएम चोरी की घटनाएं घट चुकी हैं, जिनमें एक एटीएम मशीन जंगल में नदी के किनारे बरामद हुई थी। अब सात वर्षों के बाद एक बार फिर एटीएम केंद्रों को निशाना बनाने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है।