वान डैम बना मौत का सौदागर। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अकोला: जिले में पानी में डूबने की घटनाओं ने एक बार फिर सतर्कता की गंभीर आवश्यकता को रेखांकित किया है। शुक्रवार रात को वान डैम में 30 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। 24 घंटों के भीतर 3 लोगों की डूबने से मृत्यु होने की वजह से जिलेभर में चिंता और शोक का माहौल है।
मृतक युवक की पहचान जितेंद्र मनमोहन राठी (उम्र 30 वर्ष, निवासी दानापुर, तहसील तेल्हारा) के रूप में की गई है। घटना शुक्रवार शाम की है, जब स्थानीय नागरिकों को वान डैम की दीवार पर एक मोटरसाइकिल खड़ी और पानी में एक चप्पल तैरती दिखाई दी। आशंका जताई गई कि कोई व्यक्ति पानी में गिर गया है।
स्थानीय ग्रामीणों और बचाव कर्मियों ने तत्काल स्थानीय स्तर पर दो टीमों के जरिए खोजबीन शुरू की, लेकिन डूबने का सटीक स्थान ज्ञात न होने से सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद मामले की जानकारी पिंजर स्थित ‘मानव सेवा आपदा प्रबंधन फाउंडेशन’ द्वारा संचालित संत गाडगे बाबा आपातकालीन खोज एवं बचाव दल को दी गई।
दल प्रमुख दीपक सदाफळे, जो उस समय बोरमळी डैम में डूबे 2 बच्चों की खोज में व्यस्त थे, अपनी टीम के साथ तत्काल घटनास्थल की ओर रवाना हुए। टीम में मयुर सळेदार, शेखर केवट, अंकुश सदाफळे, विष्णु केवट, किशोर तायडे, शिवम वानखडे और सार्थक वानखडे शामिल थे। वे सभी आवश्यक बचाव सामग्री के साथ पहुंचे।
रात लगभग 8 बजे टीम घटनास्थल पर पहुंची और तत्काल खोज अभियान शुरू किया। हालांकि, डैम की गहराई 70 से 80 फीट तक होने और तल में चट्टानों व कपारियों की मौजूदगी से खोज में भारी दिक्कतें आईं। बावजूद इसके, दल ने अपना अभियान जारी रखा और लगभग रात 11:30 बजे युवक का शव पानी के तल से बरामद कर लिया गया।
मृतक के शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पंचनामा किया और पोस्टमार्टम के लिए स्थानीय शासकीय अस्पताल भेज दिया। प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह दुर्घटनावश डूबने की घटना थी या आत्महत्या, इस दिशा में हिवरखेड पुलिस आगे की जांच कर रही है।
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अकोला जिले में पिछले 24 घंटों में डूबने से 3 लोगों की जान चली गई, जो कि प्रशासन और नागरिकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है। इन तीनों ही घटनाओं में संत गाडगे बाबा आपातकालीन खोज एवं बचाव दल की तत्परता के कारण मृतकों के शव समय रहते खोजे जा सके।
पहली घटना 7 जून की दोपहर चिखलगांव के दो मासूम बच्चों के साथ हुई, जो बोरमळी-चेलगांव बांध में डूब गए। इस हृदयविदारक घटना के कुछ ही घंटे बाद शुक्रवार रात को वान डैम में जितेंद्र राठी की मौत की खबर ने पूरे जिले को गमगीन कर दिया। प्रशासन को चाहिए कि डैम और जलाशयों के पास चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति और जन जागृति अभियान चलाकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।