
सड़ी अवस्था में मिला बाघ का शव
नागपुर: जिस तेजी से बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है उसी तेजी से उनकी मौत के मामले सामने आ रहे हैं। विगत दिनों मिट्टी के ढेर से वन विभाग ने बाघ का शव बरामद किया था। एक बार फिर सड़ी हुई अवस्था में बाघ का शव मिलने की जानकारी सामने आई है। देवलापार वन परिक्षेत्र में बाघ का शव मिलने से वन विभाग में भी हड़कंप मच गया है।
बाघ की मौत कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को सुबह करीब 11 बजे वन कर्मचारी वन परिक्षेत्र देवलापार (प्रोदशिक) में गश्त कर रहे थे। नियत क्षेत्र-बांद्रा कक्ष क्र. 275 पीएफ में मुनारा क्र. 8 के पास वन कर्मचारियों को सड़ी अवस्था में बाघ का शव दिखाई दिया। बाघ का शव मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई। शव मिलने के स्थान पर 2 किमी के दायरे की जांच की गई।
बाघ का शिकार के नहीं मिले कोई सबूत
जांच के दौरान अवैध ढंग से बाघ का शिकार किए जाने के कोई सबूत नहीं मिले है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों के तहत पेंच के क्षेत्र संचालक डॉ. किशोर मानकर, उप वन संरक्षक डॉ. भरत सिंह हाडा, विभागीय अधिकारी पी. कोडापे के मार्गदर्शन में आगे की कार्रवाई की गई।पशु चिकित्सक डॉ. बबीता मेश्राम, डॉ. राजेश फुलसंगे, डॉ. मयंक बरडे और एनटीसीए प्रतिनिधि अजिंक्य भटकर और मंदार पिंगले की उपस्थिति में बाघ का शवविच्छेदन किया गया।
जांच के लिए भेजे गए नमूने
बाघ का शव काफी ज्यादा सड़ चुका था। इस कारण उसका लिंग स्पष्ट नहीं हो सका। बाघ के नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया है। जांच के बाद बाघ की उम्र, लिंग और मौत का पुख्ता कारण स्पष्ट हो सकेगा। बाघ के सभी दांत, नाखून समेत अन्य अंग साबुत अवस्था में मिले हैं। आगे की जांच सहायक वन संरक्षक पाखले कर रहे हैं।






