(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Thane News: ठाणे की एक अदालत ने एक व्यक्ति को अपनी पत्नी और बेटे पर 2019 में एक धारदार हथियार से बेरहमी से हमला करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने साथ ही कहा कि महिला को 28 जगह चोट आई जो रसोई रैक पर गिरने से संभव नहीं। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जी जी भंसाली ने चार अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि आरोपी प्रमोद कान्हा पाटिल (43) की मंशा ‘‘पीड़ित को लगी वास्तविक चोट, इस्तेमाल किए गए हथियार की प्रकृति और वार की गंभीरता” से पता लगाई जा सकती है।
आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई। अतिरिक्त लोक अभियोजक आर डब्ल्यू पांडे ने अदालत को बताया कि 26 अक्टूबर, 2019 को हुए इस हमले में आरोपी की पत्नी वैजयंती पाटिल लगभग 40 दिनों तक बेहोश रहीं। पांडे ने अदालत को बताया कि वैजयंती पाटिल के शरीर पर 28 जगह जानलेवा चोट के निशान थे, जिनमें खोपड़ी के कई फ्रैक्चर और मस्तिष्क की चोट शामिल हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी बेरोजगार और शराब का आदी था और वह अपनी पत्नी से नियमित रूप से मारपीट करता था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, घटना की रात आरोपी महाराष्ट्र के ठाणे शहर स्थित अपने घर की रसोई में अपनी पत्नी के पीछे पीछे पहुंचा और मछली काटने के लिए इस्तेमाल होने वाले दरांती से उस पर हमला कर दिया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पृथ्वी पाटिल अपनी मां को बचाने के लिए बीच-बचाव करने आया और उसके भी हाथ और सिर पर चोट आई। दोनों बेटों, राज पाटिल और पृथ्वी पाटिल ने चश्मदीद गवाह के रूप में गवाही दी। दरांती की बरामदगी, पीड़ितों और आरोपियों के खून से सने कपड़े तथा घर की दीवारों और फर्श पर खून के धब्बों की मौजूदगी ने आरोपों की पुष्टि की। बचाव पक्ष ने दलील दी कि महिला को रसोईघर में बर्तन रखने वाले नुकीले रैक पर गिरने से चोट लगी थी तथा बेटे को जमीन पर खेलते समय चोट लगी थी।
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बचाव पक्ष की दलील को खारिज करते हुए न्यायाधीश ने कहा, ‘‘पीड़िता को लगी 28 चोटें जमीन पर या रसोई के किसी बर्तन रैक पर गिरने से संभव नहीं हो सकतीं।” अदालत ने कहा, ‘‘आरोपी का छोटा बेटा पृथ्वी पाटिल अन्य पीड़ित है, जिसने अपनी मां को आरोपी के चंगुल और अंधाधुंध वार से बचाने के लिए बीच-बचाव किया था। वह घटना में घायल हुआ और एक चश्मदीद गवाह है।” अदालत ने व्यक्ति को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा, उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 504 (जानबूझकर अपमान) के तहत तीन महीने की कठोर कारावास तथा उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। -एजेंसी इनपुट के साथ