प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले से रिश्वत लेने के मामले बढ़ गए है। अब एक और रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। सरकारी अफसर ने काम करवाने के लिए पैसों की मांग की थी। शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। ठाणे में भूमि रिकॉर्ड के हस्तांतरण की प्रक्रिया के लिए एक व्यक्ति से 50,000 रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में एक ‘तलाठी’ (लेखपाल) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के ठाणे इकाई की पुलिस उप अधीक्षक माधवी राजेकुंभर ने बताया कि ठाणे तहसीलदार के अधिकार क्षेत्र में कार्यरत तलाठी सिद्धि संतोष पाटकर ने एक हाउसिंग सोसायटी के नाम पर भूमि अभिलेख स्थानांतरित करने के बदले कथित रूप से रिश्वत मांगी थी।
माधवी राजेकुंभर ने बताया कि शिकायतकर्ता ने एक भूखंड को एक सोसायटी के नाम पर स्थानांतरित करने के लिए तहसील कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बावजूद काम लंबित रखा गया और आरोपी अधिकारी ने आवेदन को मंजूरी देने के लिए रिश्वत मांगी।
पुलिस उप अधीक्षक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ सोमवार को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी ने बताया कि रिश्वत की मांग की गई थी, लेकिन आरोपी ने कोई पैसा नहीं लिया। इस मामले के संबंध में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बता दें कि एसीबी ने पिछले दिनों ठाणे में सरकारी एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना (ITDP) के दो कर्मचारियों को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। ठाणे में शिकायत दर्ज होने के बाद वरिष्ठ लिपिक हरीश मराठे (47) और कनिष्ठ लिपिक हेमंत किरपाण (39) को गिरफ्तार किया था।
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एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि दोनों ने शिकायतकर्ता की मां के मेडिकल बिल के भुगतान के लिए कथित तौर पर रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता का दावा है कि उन्होंने शुरू में 23 हजार रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में वो 15 हजार रुपये लेने पर सहमत हो गए।