बीजेपी Vs शिवसेना (सौ. सोशल मीडिया )
Thane Latest News: राज्य के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक तरफ शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस एवं अन्य दलों के लोगों को तोड़ कर अपना कुनबा बढ़ाने में जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ उनके मजबूत गढ़ ठाणे पर महायुति की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा की नजर गड़ी हुई है।
जिसको लेकर मनपा चुनाव के पहले शिवसेना भाजपा युति में खटास बढ़ने लगी है। नवी मुंबई में वर्चस्व को लेकर शिवसेना सांसद नरेश महस्के एवं वन मंत्री गणेश नाईक के बीच जुबानी जंग के बीच शुक्रवार को वन मंत्री गणेश नाईक ने ठाणे शहर में जनता दरबार लग रहा है। 22 अगस्त को आयोजित जनता दरबार के बैनर पोस्टर शहर भर में लगने से शिवसेना की बेचैनी बढ़ गई है। पहले यह जनता दरबार ठाणे स्टेशन से दूर डॉ. काशीनाथ घाणेकर नाट्य गृह में आयोजित किया जाना था, लेकिन म्हस्के के बयान के बाद यह स्थान बदल कर गड़करी रंगायतन में कर दिया।
इस जनता दरबार के जरिये भाजपा शक्ति प्रदर्शन भी करना चाहती है। इसको लेकर ठाणे शहर जिला भाजपा अध्यक्ष संदीप लेले के साथ ही पूर्व सांसद संजीव नाईक की टीम भी एक बार फिर सक्रिय हो गयी है। ठाणे शहर को राज्य के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। शिवसेना में विभाजन के बाद हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी शिदि ने अपनी ताकत का लोहा मनवाया है।
लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा नेता गणेश नाईक के पुत्र एवं पूर्व सांसद डॉ. संजीव नाईक ने पूरी तैयारी की थी, लेकिन शिंदे के दबाव के कारण ठाणे के पूर्व महापौर नरेश म्हस्के महायुति के उम्मीदवार बने एवं निर्वाचित भी हुए। उसके बाद से भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच एक दूसरे पर वार-पलटवार की राजनीति चल रही है।
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सूत्रों का कहना है कि हाल ही में शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने गणेश नाईक की उम्र को लेकर बयान दिया था। जिसे उन्होंने दिल पर ले लिया है. म्हस्के की वजह से गणेश नाईक के पुत्र संजीव नाईक सांसद नहीं बन पाए, ठाणे जिले के पालक मंत्री बनने में भी एकनाथ शिंदे ने रोड़ा अटकाया था। अब मनपा चुनाव में गणेश नाइक भाजपा पर खुद के बल पर चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे हैं। पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भी इसका समर्थन कर रहे हैं। जिसको लेकर गणेश नाईक के जनता दरबार पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।