नरेश म्हस्के (सौजन्य-सोशल मीडिया)
ठाणे: देश में वक्फ अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम समुदाय व विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में एक बयान दिया था। इस बयान में निशिंकात दुबे ने शीर्ष अदालत को निशाना बनाते हुए कहा था कि यदि उच्चतम न्यायालय को ही कानून बनाना है तो संसद एवं विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर निशाना साधते हुए उन्हें देश में ‘गृहयुद्ध’ के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट और वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर दिए गए बयान पर शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, “कानून बनाना संसद का काम है। अगर संविधान के खिलाफ कोई कानून बनता है तो कोर्ट को आपत्ति जताने का अधिकार है। मुझे नहीं पता कि निशिकांत दुबे ने क्या कहा।
नरेश म्हस्के ने प्रावधान के बारे में नरेश म्हस्के ने कहा, “इमामों और कुछ मुस्लिम संगठनों समेत कुछ लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और दावा किया है कि केंद्र ने अनुच्छेद 25 से 28 और 29 से 30 का उल्लंघन किया है- उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का हनन किया गया है। इसलिए इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है। हालांकि, सरकार का कहना है कि उसने ऐसे किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं किया है।”
#WATCH | Thane, Maharashtra | On BJP MP Nishikant Dubey’s statement on the SC and Waqf Amendment Act 2025, Shiv Sena MP Naresh Mhaske says, “Making laws is the work of Parliament. If any law is made against the Constitution, the court has the right to raise objections. I don’t… pic.twitter.com/d0Gk1Zx7XG
— ANI (@ANI) April 21, 2025
कानून बनाने के अधिकार पर बात करते हुए नरेश म्हस्के ने कहा, “अनुच्छेद 29 शैक्षणिक संस्थानों से संबंधित है और अनुच्छेद 30 सांस्कृतिक संस्थानों से संबंधित है। वक्फ बोर्ड शैक्षणिक या सांस्कृतिक संस्थान नहीं है- यह संपत्ति से संबंधित है… इसलिए, हमें इस पर कानून बनाने का अधिकार है। हम किसी के धर्म या रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। विपक्ष गलत सूचना फैला रहा है कि यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है।
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यह राष्ट्रीय संपत्ति से संबंधित है वर्तमान में संविधान में उचित कानूनी विनियमन का अभाव है। हम कानून में संशोधन कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मुस्लिम समुदाय के गरीब लोगों को लाभ मिले। इसलिए हमारा मानना है कि हमें कानून बनाने का अधिकार है। और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने यह स्पष्ट रूप से कहा है।”
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। इसके बचाव में भारतीय जनता पार्टी ने कहा था कि ये निशिकांत दुबे का व्यक्तिगत विचार है पार्टी का नहीं।