ठाणे में भूखों को अन्नदान (pic credit; social media)
Samatol Foundation: विजयादशमी के दिन समतोल फाउंडेशन ने अपने अन्नछत्र कार्यक्रम के 3000 दिन पूरे होने का जश्न मनाया। भाजपा विधायक संजय केलकर ने इस मौके पर कहा कि यह कोई साधारण आयोजन नहीं है और इस पहल में मदद करने वालों को किसी पुरस्कार की जरूरत नहीं है। भूखों के चेहरे पर मुस्कान ही असली इनाम है।
कार्यक्रम पांचपखाड़ी स्थित श्री ज्ञानदेव सेवा मंडल हॉल में आयोजित किया गया। इस अवसर पर विधायक संजय केलकर ने कहा कि समतोल फाउंडेशन का अन्नछत्र पिछले 3000 दिनों से लगातार जरूरतमंदों के लिए भोजन उपलब्ध करा रहा है। इस पहल में योगदान देने वाले सैकड़ों स्वयंसेवकों और सहयोगियों का उन्होंने आभार व्यक्त किया।
समतोल फाउंडेशन के अध्यक्ष विजय जाधव और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। विधायक निरंजन डावखरे ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने हजारों जरूरतमंदों और बेसहारा नागरिकों के जीवन में बदलाव लाया है। रोजाना 400 से 500 लोगों को स्वास्थ्यवर्धक भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
डॉ. कैलाश पवार, भाजपा शहर अध्यक्ष संदीप लेले और संजय वाघुले ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। केलकर ने बताया कि कई लोग बड़े धूमधाम से कार्यक्रम शुरू करते हैं और फिर बंद कर देते हैं, लेकिन समतोल फाउंडेशन की कई पहलों ने वर्षों से निरंतरता बनाए रखी है और अन्नछत्र भी उनमें शामिल है।
समतोल फाउंडेशन घर से भागे बच्चों की मदद भी करता है। 18 स्वयंसेवक रेलवे स्टेशनों पर घूमकर भटके हुए बच्चों को आश्रय केंद्र तक लाते हैं। यहां उन्हें शिक्षा और संस्कार दिए जाते हैं। कई बच्चों को समाज में लौटाकर भविष्य में अपराध की राह से बचाया गया है।
कार्यक्रम में अन्नछत्र के 3000 दिन पूरे होने पर एक विशेष दृश्य-फिल्म भी दिखाई गई। सहयोगियों और स्वयंसेवकों को आभार पत्र देकर सम्मानित किया गया। विधायक संजय केलकर ने कहा कि यह पहल दान या आयोजन नहीं बल्कि एक भावना है।
इसी भावना ने इस व्यवस्था को आठ साल से चलाया है और भविष्य में भी चलती रहेगी। समतोल फाउंडेशन ने साबित कर दिया है कि समाज सेवा की सच्ची शक्ति छोटे कार्यों में छिपी होती है और जरूरतमंदों की मुस्कान ही असली इनाम है।