ठाणे में झुग्गीवासियों पर दबाव (pic credit; social media)
Redevelopment on slum dwellers in Thane: ठाणे में झुग्गीवासियों को पुनर्विकास योजना के नाम पर बेदखल करने की शिकायतों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। आरोप है कि एसआरए योजना के अंतर्गत बिना निवासियों को विश्वास में लिए जबरन सर्वेक्षण किया जा रहा है और लोगों पर घर खाली करने का दबाव बनाया जा रहा है। इस मुद्दे पर भाजपा विधायक संजय केलकर ने एसआरए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और साफ कहा कि निवासियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ठाणे शहर, डोंबिवली और उल्हासनगर के नागरिक शनिवार को खोपट स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे। इस दौरान नलपाड़ा और भंजेवाड़ी के निवासियों ने बताया कि वर्षों से रह रहे लोगों पर पुनर्विकास योजना से बेदखल करने का दबाव बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, इस संबंध में पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराई गई है लेकिन परेशानियां खत्म नहीं हो रही हैं।
निवासियों की समस्याएं सुनने के बाद विधायक संजय केलकर ने मौके पर ही एसआरए अधिकारियों को फोन लगाकर सख्ती से चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि निवासियों को अंधेरे में रखकर कोई भी योजना लागू नहीं की जा सकती। हर नागरिक को उसका हक मिलना चाहिए और यदि किसी के साथ अन्याय हुआ तो वे सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे।
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निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि सहकारी आवास समितियों का काम बिना अनुमोदन और विश्वास में लिए शुरू किया गया है। सर्वेक्षण भी गैरकानूनी तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। इस पर केलकर ने भरोसा दिलाया कि वे हर संभव कदम उठाएंगे ताकि नागरिकों को उनके उचित घर मिल सकें।
इसी कार्यक्रम में छात्रों ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की। उनका कहना था कि कुछ संगठनों ने उन्हें फीस, प्रशिक्षण और नौकरी का वादा किया था लेकिन न तो प्रशिक्षण पूरा हुआ और न ही नौकरी मिली। ऊपर से प्रत्येक छात्र पर 2.5 लाख रुपये तक का ऋण चढ़ गया है। इस पर भी केलकर ने छात्रों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्या को गंभीरता से उठाया जाएगा।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पुनर्विकास का उद्देश्य बेहतर आवास देना होना चाहिए, न कि लोगों को सड़क पर लाना। फिलहाल एसआरए पर सवाल उठ रहे हैं और विधायक के हस्तक्षेप से निवासियों को थोड़ी राहत की उम्मीद जगी है।