अंबरनाथ : उल्हासनगर (Ulhasnagar) और अंबरनाथ (Ambernath) की सीमा पर स्थित प्राचीन शिवमंदिर (Shiv Mandir) परिसर में महाशिवरात्रि पर्व (Mahashivaratri Festival) की विशेष तैयारियां अब अंतिम चरण में है। शनिवार को महाशिवरात्रि का पर्व है। दोनों शहरों में शिवजी के अन्य मंदिरों को भी सजाया गया है। स्थानीय पुरातन कालीन शिवमंदिर का अपना 963 साल का इतिहास है। पर्व के दिन यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पूजा और दर्शन के लिए आते है।
देवो के देव महादेव अर्थात भगवान शंकर की आराधना का पर्व और शिव-पार्वती के विवाह का उत्सव महाशिवरात्रि होता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिव और शक्ति के मिलने के उत्सव के रूप में इस पर्व को मनाने की सदियों पुरानी परंपरा है। शिवभक्त इस दिन व्रत रखकर अपने आराध्य का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। मंदिरों में जलाभिषेक का कार्यक्रम दिन भर चलता है।
अंबरनाथ रेलवे स्टेशन के पूर्व परिसर से प्राचीन शिवमंदिर मात्र डेढ़ किलोमीटर के अंतर पर है। कभी यह क्षेत्र गांव हुआ करता था पर मंदिर से कुछ ही दूरी पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंगें बन गयी है। इस ऐतिहासिक मंदिर में अंबरनाथ-उल्हासनगर के अलावा ठाणे और रायगढ़ जिले के अन्य नगरों और ग्रामीण हल्कों के लोग भी मंदिर में दर्शन और पर्व के उपलक्ष्य में लगने वाले मेले का आनंद लेने आते है। दो दिवसीय मेले लुत्फ उठाने में बच्चे और युवा वर्ग आतुर रहता है। मेले में छोटे बड़े झूले, चकरी, आकर्षण का केंद्र रहते है। आने वाले दर्शनार्थियों की सेवा में स्थानीय नागरिकों द्वारा प्रसाद वितरण होता है। नगरपालिका प्रशासन और पुलिस प्रशासन का चुस्त बंदोबस्त रहता है।
[blockquote content=”मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन मिले इसकी विशेष सुविधा की गई है, बेरिकेट्स लगाए गए है। नगरपालिका कर्मचारी और मंदिर के स्वंयसेवक इसके लिए तैनात किए गए है, डॉक्टरों की टीम, दमकल कर्मी भी मेले परिसर में अपनी सेवाएं देंगे। पानी के लिए टैंकर का इंतजाम किया गया है। नगरपालिका प्रशासन ने मंदिर परिसर में सहायता केंद्र स्थापित किया। जरूरत पड़ने पर नागरिक इसका लाभ ले सकते है। पार्किंग की सुविधा की गई है और पुलिस का उचित बंदोबस्त भी मंदिर और मेला परिसर में रहेगा। ” pic=”” name=”- संदीप कांबले, उप मुख्याधिकारी, अंबरनाथ नगरपालिका। “]
[blockquote content=”मंदिर के गर्भगृह में दर्शन की सुविधा है लेकिन अगरबत्ती, नारियल, दूध आदि पर पाबंदी है, श्रद्धालुओं से विनंती नियमों का पालन, आस्था और श्रद्धा से पर्व मनाए। ” pic=”” name=”- विजय चाहु पाटिल, शिवमंदिर के पुजारी।”]