घाटकोपर होर्डिंग हादसा (pic credit; social media)
Ghatkopar Hoarding AAccident: घाटकोपर रेलवे स्टेशन के पास पेट्रोल पंप परिसर में 13 मई, 2024 को लगी विशाल होर्डिंग तेज हवा और भारी बारिश के कारण गिर गई थी। इस हादसे में 17 नागरिकों की मौत और 80 से अधिक लोग घायल हुए थे। हादसे की जांच के लिए राज्य सरकार ने पूर्व न्यायमूर्ति दिलीप भोसले की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति बनाई थी।
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाले और सुझाव दिए। इसके बाद गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक और समिति ने विभिन्न विभागों द्वारा कार्यान्वयन का सत्यापन किया। अब महाराष्ट्र कैबिनेट ने इस रिपोर्ट पर एक माह के भीतर कार्रवाई करने का आदेश संबंधित विभागों को जारी किया है।
इस हादसे में निलंबित IPS अधिकारी, बीएमसी के अधिकारी, ईगो मीडिया के निदेशक भावेश भिंडे और जान्हवी मराठे, तथा व्यवसायी मोहम्मद अरशद खान को आपराधिक षड्यंत्र रचने का दोषी ठहराया गया है। जांच में सामने आया कि IPS अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर ईगो मीडिया को नियमों के विपरीत विशाल होर्डिंग लगाने की अनुमति दी। आरोप है कि इसके बदले में भावेश भिंडे से करीब एक करोड़ रुपए लिए गए थे।
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मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में 21 सुझाव दिए। इनमें नियमित निरीक्षण, अनधिकृत बोडों के खिलाफ नोडल तंत्र की नियुक्ति, अधिकतम आकार 40 फीट गुणा 40 फीट तय करना, और होर्डिंग्स को छतों या परिसर की दीवारों पर न लगाना शामिल है। इसके अलावा यातायात सुरक्षा, पैदल यात्री सुरक्षा और विकलांगों के लिए विशेष दिशा-निर्देश भी दिए गए।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब एक माह के भीतर सभी संबंधित विभागों को रिपोर्ट की सिफारिशों पर कार्रवाई करनी होगी। कार्रवाई में न केवल निलंबित IPS अधिकारी बल्कि अन्य दोषियों पर भी कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
घाटकोपर हादसा न केवल एक बड़े सुरक्षा संकट को उजागर करता है बल्कि यह भी दर्शाता है कि नियमों की अनदेखी और भ्रष्टाचार कितनी जानलेवा साबित हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सभी सुरक्षा और नियामक उपाय सख्ती से लागू किए जाएंगे।