भिवंडी मनपा (सौ. सोशल मीडिया )
Bhiwandi News In Hindi: 2017 में संपन्न हुए भिवंडी मनपा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से सर्वाधिक 47 नगरसेवकों ने जीत दर्ज की थी। प्रचंड बहुमत के बाद भी 18 नगरसेवकों ने पार्टी से गद्दारी कर कोणार्क विकास आघाड़ी प्रत्याशी को वोटिंग कर कांग्रेस प्रत्याशी को हरा दिया था।
कांग्रेस के पूर्व महापौर जावेद दलवी की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सकारात्मक एक्शन लिया था। शिंदे के आदेश पर अवर सचिव निकिता पांडे ने कांग्रेस पार्टी की व्हिप का उल्लंघन करने वाले 18 नगरसेवकों को दलबदल कानून के तहत 6 वर्षों की खातिर मनपा चुनाव लड़ने पर सख्त प्रतिबंध लगाया था।
आगामी 15 जनवरी को होने जा रहे मनपा चुनाव के लिए उन पर पाबंदी अभी कायम है। इसलिए वे अब चुनाव में बीबी, बेटा, बेटी, भाई को मैदान में उतारने की तैयारी में जुटे हैं। क्षेत्रीय वोटरों की निगाहें अपने नए संभावित प्रत्याशियों पर टिकी हुई हैं। कांग्रेस के दलबदल करने वाले नगरसेवकों में से मो। इमरान वली, मो। खान और अह। हुसैन मगरू सिद्दीकी कांग्रेस पार्टी से जीतकर मनपा उप महापौर रह चुके हैं।
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार मनपा चुनाव लड़ने के अयोग्य हुए अधिकांश पूर्व नगरसेवक मनपा चुनाव में सपा, राष्ट्रवादी कांग्रेस, एमआईएम का दामन थाम कर चुनाव में अपनी बीबी, बेटे, बेटी, भाई को चुनाव लड़ाकर मनपा सदन में पहुंचाने की कसरत में जुटे नेता है।
आगामी दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि कौन राजनीतिक पार्टी कांग्रेस पार्टी से गद्दारी करने वाले अयोग्य पूर्व नगरसेवकों के परिजनों को मनपा टिकट की सौगात देती है। गौरतलब हो कि, 2017 में हुए भिवंडी मनपा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 90 नगरसेवकों वाली भिवंडी मनपा में सर्वाधिक 47 वार्डों में जीत हासिल हुई थी।
कांग्रेस का प्रचंड बहुमत होने के बाद भी पार्टी के 18 नगरसेवकों ने आर्थिक-राजनैतिक फायदे की खातिर कांग्रेस पार्टी से गद्दारी कर चुनावी विप का पूर्णतया उल्लंघन करते हुए कोणार्क विकास आघाड़ी प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित किए जाने में अहम योगदान दिया था।
सूत्रों की माने तो, कोकण विभागीय आयुक्त ने कांग्रेसी नगरसेवकों की दलबदल संबंधी जनहित याचिका पर सुनवाई कर नकारात्मक निर्णय दिया था। कोकण विभागीय आयुक्त के निर्णय के बाद शिकायतकर्ता पूर्व महापौर जावेद दलवी ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को मामले की लिखित जानकारी देकर न्याय की मांग की थी।
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मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दलबदल संबंधित मामले को गंभीरता से लेते हुए 31।12।2021 को आदेश जारी कर दलबदल में संलिप्त रहे 18 पूर्व नगरसेवकों को 6 वर्षों के लिए चुनाव लडने पर पूर्णतया पाबंदी लगाय, जो 15 जनवरी को होने जा रहे मनपा चुनाव में भी कायम होगी।