प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: AI)
ठाणे/रायगढ़: महाराष्ट्र के नवी मुंबई से मंगलवार को दो ठगी के मामले सामने आए हैं। एक में अपनी कंपनी के फ्रेंचाइजी देने के नाम पर एक व्यक्ति से लाखों की ठगी की। वहीं दूसरे मामले में नौकरी के नाम पर दो लोगों से 8 लाख रुपए ठग लिए। एक मामला ठाणे ताे दूसरा रायगड जिले का है। दाेनों मामलों में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पहला मामला रागगढ़ का है। यहां एक पोषण विशेषज्ञ और उसके पति के खिलाफ एक व्यक्ति को अपनी कंपनी की ‘फ्रेंचाइजी’ देने के नाम पर 14.76 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है। नवी मुंबई पुलिस ने बताया कि उल्वे क्षेत्र निवासी शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जुलाई 2023 से जुलाई 2025 के बीच आरोपी दंपति ने उन्हें ‘फ्रेंचाइजी’ का अवसर दिए जाने का वादा करते हुए अपने ‘वेलनेस’ व्यवसाय में निवेश करने के लिए राजी किया था।
प्राथमिकी के अनुसार, आरोपियों ने पीड़ित को अपनी स्वास्थ्य फर्म की फ्रेंचाइजी देने की पेशकश की और आश्वासन दिया कि निवेश से उन्हें स्वास्थ्य उद्योग में बेहतर करियर का अवसर मिल जाएगा। उनकी प्रतिष्ठा पर भरोसा करते हुए, पीड़ित ने फर्म को 14,76,994 रुपये ट्रांसफर कर दिए। रुपयों का भुगतान करने के बाद फ्रेंचाइजी शुरू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया और आरोपी टालमटोल करते रहे।
आरोपियों में एक ‘सेलिब्रिटी’ पोषण विशेषज्ञ और उनके पति शामिल हैं, जिन पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत आपराधिक विश्वासघात और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि फिलहाल इस मामले में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
दूसरा मामला ठाणे जिले का है। यहां नौकरी दिलाने के नाम पर दो लोगों से 8 लाख रुपए ऐंठ लिए। पुलिस ने एक व्यक्ति और उसके दोस्त को जहाजरानी उद्योग में आकर्षक नौकरियां दिलाने का झांसा देकर उनसे 8 लाख रुपए ठगने के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
नवी मुंबई स्थित एक ‘प्लेसमेंट एजेंसी’ से जुड़े होने का दावा करने वाले इन आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी 24 वर्षीय एक युवक से अक्टूबर 2024 से जुलाई 2025 के बीच संपर्क किया था। आरोपियों ने युवक और उसके दोस्त को जहाजरानी उद्योग में नौकरियां दिलाने का वादा किया और भर्ती एवं अन्य शुल्क के नाम पर उनसे कथित तौर पर 8 लाख रुपये की ठगी की।
हालांकि, दोनों में से किसी को भी नौकरी नहीं मिली और न ही आरोपियों ने उनके पैसे वापस किए। अधिकारी ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने नौकरी या पैसे लौटाने के बारे में पूछने के लिए आरोपियों से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन हर बार वे टालते रहे और अंततः फोन कॉल उठाना बंद कर दिया।
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पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर पांच जुलाई को नवी मुंबई के एपीएमसी पुलिस थाने में तीनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ‘प्लेसमेंट एजेंसी’ की गतिविधियों और काम की जांच कर रही है और आरोपियों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।