उद्धव ठाकरे (फोटो: ANI)
मुंबई. लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के दौरान चुनाव आयोग के खिलाफ की गई टिप्पणी पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (उद्धव गुट) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को महंगी पड़ती नजर आ रही है। इस मामले को चुनाव आयोग ने बेहद गंभीरता से लिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ने इस मामले में राज्य चुनाव आयोग को उद्धव के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया है।
महाराष्ट्र के पांचवे व आखिरी चरण के चुनाव के दौरान 20 मई को मुंबई की 6 और ठाणे की तीन सीटों के अलावा पालघर, नाशिक, धुले एवं दिंडोरी लोकसभा चुनाव क्षेत्र में मतदान हुआ था। इस दौरान मुंबई व आसपास के कई मतदान केंद्रों पर मतदान की रफ्तार बेहद सुस्त देखने को मिली थी। इस पर उद्धव सहित महा विकास अघाड़ी (मविआ) के कई नेताओं ने नाराजगी जताई थी। इस मौके पर उद्धव ने मतदान समाप्त होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके धीमे मतदान के लिए बीजेपी और चुनाव आयोग पर निशाना साधा था। ठाकरे ने चुनाव आयोग और बीजेपी के बीच सांठगांठ का आरोप भी लगाया था।
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चुनाव खत्म होने से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने तथा चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने के मामले में बीजेपी के मुंबई प्रदेश अध्यक्ष व विधायक आशीष शेलार ने उद्धव के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराया था। इस मामले में राज्य चुनाव आयुक्त ने जून महीने में चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद मुंबई के उपनगरीय जिलाधिकारी एवं ठाणे के जिलाधिकारी से रिपोर्ट मंगाई थी।
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इस मामले में सीईसी ने शुक्रवार को राज्य चुनाव आयोग को उद्धव के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का आदेश दे दिया। विधानसभा चुनाव से पहले आए सीईसी के इस आदेश को उद्धव व महा विकास अघाड़ी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।