अंबादास दानवे और अजित पवार (फोटो: ANI)
मुंबई. उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान महायुति में शामिल होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अपनी मुलाकात के किस्से सुनाए थे। उन्होंने इस बारे में बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि सत्ता में आने से पहले शाह के साथ उनकी 10 बैठकें हुई थीं। इतना ही नहीं इन बैठकों में जाते समय वह मास्क और टोपी पहनकर गए थे। इस खुलासे के बाद विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने रविवार को अजीत पर जोरदार हमला बोला। दानवे ने कहा कि अजीत जैसे दृढ शख्स को अपना चेहरा छुपा कर जाना पड़ा, यह बुरी बात है। यह एक प्रकार से आत्मसम्मान गिरवी रखने जैसा है।
भोपाल की सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस और एनसीपी को देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी बताते हुए महाराष्ट्र में 70 हजार करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले का जिक्र किया था। तब पीएम मोदी ने इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार के जल्द ही सलाखों के पीछे होने की चेतावनी दी थी। तब माना गया था कि मोदी ने एनसीपी नेता और महाराष्ट्र विधानसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता अजीत पवार पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधा था।
गौरतलब है कि अजीत एनसीपी को तोड़ कर अपने समर्थकों के साथ सत्तारूढ़ महायुति में शामिल हो गए थे और उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री का पद उन्हें मिल गया। बाद में चुनाव आयोग व विधानसभा अध्यक्ष ने एनसीपी और चुनाव चिन्ह भी अजीत को दिला दिया था। अजीत ने महायुति में अपने शामिल होने का खुलासा करके खुद ही विपक्ष को निशाना साधने का मौका दे दिया। अजीत ने बताया कि सत्ता में शामिल होने के लिए वह कई बार अमित शाह से मिले। लगभग 10 बार मास्क और टोपी पहनकर दिल्ली गए और फ्लाइट टिकट ए।ए। पवार नाम से बुक कराते थे।
दानवे ने अजीत के खुलासे के बाद बीजेपी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा कुटिलता की राजनीति करती रही है। उनकी मानसिकता कितनी निम्न स्तर की है, यह समय-समय पर प्रदर्शित होता रहा है। देखते हैं बीजेपी अजीत दादा और हमारे गद्दारों के आगे कितने टुकड़े फेंकती है।
इसी मामले में शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने भी अजीत पर निशाना साधा। राउत ने कहा कि धीरे-धीरे यह साफ हो रहा है कि महाराष्ट्र को लेकर बीजेपी का धोखा कितना पहले से शुरू हो गया था। महाराष्ट्र में रंगमंच और नाटक की बहुत लंबी परंपरा है। महाराष्ट्र के रंगमंच ने कई महान कलाकार पैदा किए हैं। बाल गंधर्व से लेकर श्रीराम लागू तक हम नाना पाटेकर, प्रशांत दामले का काम देखते हैं। महाराष्ट्र ने कई बड़े कलाकार दिये हैं। लेकिन लगता है कि इस थिएटर इंडस्ट्री ने अजीत, शिंदे और देवेंद्र को नजरअंदाज कर दिया है।