शरद पवार और उद्धव ठाकरे (फोटो सौजन्य- सोशल मीडिया)
कोल्हापुर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई है। चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर महाविकास अघाड़ी और महायुति में दरार पडते दिख रही है। उद्धव ठाकरे चुनाव से पहले ही मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने की बात कर रहे है। वहीं अब एनसीपी (शरद गुट) के प्रमुख शरद पवार ने दो टूक में जवाब दे दिया है। इससे यह कयास लगाए जा रहे है कि महा विकास अघाड़ी में मुख्यमंत्री फेस को लेकर राय बंट गई है। एनसीपी चीफ शरद पवार ने बुधवार को कहा कि एमवीए चुनाव के बाद सीटों के आधार पर सीएम का नाम तय करेगी।
शरद पवार बुधवार को कोल्हापुर में मीडिया से बात कर रहे थे। इस दौरान उनसे सीएम फेस को लेकर सवाल पूछा गया। शरद पवार ने जवाब में कहा, ‘अभी मुख्यमंत्री के चेहरे पर जोर देने का कोई मतलब नहीं है। महा विकास अघाड़ी एक साथ बैठकर मुख्यमंत्री पद पर फैसला करेगी। विधानसभा चुनाव के बाद सीटों की संख्या के आधार पर फैसला होगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। अभी महा विकास अघाड़ी को बहुमत मिलना जरूरी है। लोगों के समर्थन के बाद स्थिर सरकार देना जरूरी है।’
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उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि एमवीए सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी करे और जल्द से जल्द चुनाव प्रचार शुरू करे। पवार ने कहा, ‘‘एमवीए नेताओं को सात से नौ सितंबर के बीच बातचीत शुरू करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चुनाव प्रक्रिया नवंबर के दूसरे सप्ताह तक पूरी हो जाएगी।
इस बीच,शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के तीन घटक दलों के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई टकराव नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि हमारी लड़ाई किसी के खिलाफ नहीं है। यह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ है और हम चाहते हैं कि इस सरकार को राज्य की सत्ता से हटा दें। यह हमारा प्रमुख उद्देश्य है।”
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एमवीए के मुख्यमंत्री पद के दावेदार का नाम चुनाव के बाद तय होने के शरद पवार के बयान पर उन्होंने कहा, ‘‘यह सही है। आंतरिक चर्चा होगी। कोई भी मुख्यमंत्री के पद के लिए नहीं लड़ रहा। लेकिन सीटों को लेकर रस्साकशी हो सकती है। सभी हर सीट पर दावा करेंगे।” राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए पूर्व मंत्री ने कहा कि शासक मुंबई को बेच रहे हैं।
इमरजेंसी के बाद देश में चुनाव हुए थे। इस चुनाव में जयप्रकाश नारायण ने सभी विपक्षियों से एकजुट होने की अपील की थी। जब सब एक साथ आए तो चुनाव में कोई चेहरा नहीं था। चुनाव के बाद मोरारजी देसाई का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए आया। तब तक उनका नाम कहीं नहीं आया था। वह फैसला चुनाव में बहुमत मिलने के बाद हुआ।
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सुप्रिया सुले ने 2 सितंबर को एक इंरव्यू में कहा था, ‘हमारे लिए सेवा मायने रखती है। हम पद को महत्व नहीं देते हैं। अगर देश की सेवा करनी है तो आप किस पद पर काम करते हैं, ये मायने नहीं रखता है। मैं बस चाहती हूं कि महाराष्ट्र का सीएम ऐसा हो जो दिल्ली के सामने न कभी झुका है, न कभी झुकेगा। हमारी पार्टी उस रेस में नहीं है। सुप्रिया से जब पूछा गया कि क्या उद्धव ठाकरे फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं। इस पर एनसीपी सांसद ने कहा कि कोई भी बन सकता है। उद्धव ठाकरे या कांग्रेस का कोई नेता भी सीएम बन सकता है।