Mahayouti breaks:अहिल्यानगर (सोर्सः सौजन्य सोशल मीडिया)
Ahilyanagar Municipal Elections: पिछले कई दिनों से लगातार बैठकों का दौर चला रहा महायुति गठबंधन आखिरकार टूट गया है। शिवसेना (शिंदे गुट) ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि गठबंधन अब संभव नहीं है। इसके चलते अहिल्यानगर में आगामी नगर निगम चुनाव में शिवसेना के अकेले चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं, जबकि BJP और NCP (अजित पवार गुट) के बीच गठबंधन की संभावना मजबूत हो गई है।
गार्डियन मिनिस्टर राधाकृष्ण विखे पाटिल और विधायक संग्राम जगताप पहले ही यह स्पष्ट कर चुके थे कि अहिल्यानगर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का चुनाव महायुति मिलकर लड़ेगी। इसी के तहत सीटों के बंटवारे को लेकर नेताओं के बीच लगातार बैठकें होती रहीं। BJP, शिवसेना (शिंदे गुट) और NCP ने क्रमशः 30, 32 और 30 सीटों का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सभी दल अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे। यह बैठकों का सिलसिला कल देर रात तक और आज पूरे दिन चलता रहा।
आखिरकार शिवसेना ने कुछ सीटों को लेकर आक्रामक रुख अपनाया और अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस फैसले की जानकारी दी गई, जिन्होंने सभी पहलुओं पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी। इससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि शिवसेना अब महायुति से बाहर हो चुकी है। वहीं, BJP और NCP (अजित पवार गुट) के बीच गठबंधन तय माना जा रहा है, जिसमें अठावले गुट को भी शामिल किया जा सकता है। हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि शिवसेना पूरी तरह अकेले लड़ेगी या किसी अन्य दल के साथ गठजोड़ करेगी।
महायुति में विवाद की जड़ बनी वह सीट, जिसे BJP नेता अपने बेटे के लिए चाह रहे थे। यह सीट पिछले कई वर्षों से शिवसेना के पास रही है और वर्तमान में शिवसेना के जिला प्रमुख अनिल शिंदे वहां से पार्षद हैं। इसके अलावा वार्ड नंबर 11 और 16 की सीटों को लेकर भी BJP और शिवसेना के बीच तीखा विवाद रहा।
शिवसेना के दिवंगत विधायक अनिल राठौड़ के बेटे और युवा सेना के राज्य संयुक्त सचिव विक्रम राठौड़ ने अपनी पत्नी तेजस्विनी राठौड़ का वार्ड नंबर 10 से निर्दलीय आवेदन दाखिल कराया है। उन्होंने ऐलान किया है कि तेजस्विनी राठौड़ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी। इसके बाद उभाठा गुट में फूट की चर्चाएं तेज हो गईं।
संपर्क करने पर विक्रम राठौड़ ने कहा कि वे उबाठा नहीं छोड़ेंगे, लेकिन आज उनकी शिंदे गुट और शिवसेना नेताओं से मुलाकात हुई। शाम को शिवसेना की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद वे स्थानीय शिंदे गुट के नेताओं से मिलने पहुंचे और देर तक बातचीत हुई। माना जा रहा है कि वरिष्ठ नेताओं से चर्चा के बाद उनके अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा।
गार्डियन मिनिस्टर राधाकृष्ण विखे पाटिल के समर्थक कुंकुलोल सीट बंटवारे को लेकर चर्चा में रहे। शिवसेना जिला प्रमुख अनिल शिंदे, शहर प्रमुख सचिन जाधव और प्रवक्ता संजीव भोर ने बताया कि शिवसेना को अलविदा कहने के बाद विखे समर्थक शिवसेना में शामिल नहीं होंगे और उन्होंने अपना फैसला स्पष्ट कर दिया है। कहा जा रहा है कि BJP की ओर से मांगी गई सीटों को लेकर शिवसेना पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था।
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शिवसेना के स्थानीय नेताओं ने सीट बंटवारे पर सहमति न बनने के कारण महायुति से बाहर निकलने के फैसले की जानकारी उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दी। माना जा रहा है कि उन्हीं के निर्देश पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस फैसले का सार्वजनिक ऐलान किया गया।
हालांकि शिवसेना ने महायुति से बाहर निकलने की घोषणा कर दी है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जारी है कि क्या सीनियर लेवल पर रातों-रात कोई नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है। सभी की निगाहें अब अंतिम फैसले पर टिकी हैं।