शरद पवार, सुनील आंबेकर, उद्धव ठाकरे (डिजाइन फोटो)
नवभारत डेस्क: औरंगजेब विवाद पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने प्रतिक्रिया दी है। संघ ने कहा कि औरंगजेब की आज कोई प्रासंगिकता नहीं है। नागपुर हिंसा पर आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि समाज के लिए किसी भी तरह की हिंसा अच्छी नहीं है। पुलिस ने इस घटना की जांच कर रही है और वे इसकी तह तक जाएंगे। औरंगजेब की कब्र को हटाया जाना चाहिए या नहीं, क्या औरंगजेब की आज कोई प्रासंगिकता है, इस पर सुनील आंबेडकर ने कहा कि कोई प्रासंगिकता नहीं है।
आरएसएस के इस बयान का महा विकास अघाड़ी की दो पार्टियों शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने समर्थन किया है। आरएसएस के बयान पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता अरविंद सावंत ने कहा कि मैं बयान का स्वागत करता हूं। लेकिन मुझे ये समझ में नहीं आता कि वही बात अपने चेलों को क्यों नहीं बताते।
सावंत ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार तुम्हारी है न, कान खींच लो। चाहे केंद्र हो या राज्य हो आरएसएस का नाम लेकर ही तो सरकार चलती है। आपके मंत्री जिस ढंग से उकसाने वाले बयान देते हैं, एक बार नहीं बार-बार कहते रहे हैं। दरारें तो आप ही पैदा करते हो।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार की पार्टी के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि उनका बयान देर से ही आया लेकिन सही समय पर आया। नहीं तो आने वाले दिनों में महाराष्ट्र में आग8 लग जाती। संघ उनकी (बीजेपी) मातृ संगठन है। जो संघ कहेगा वही सच है ये बात सत्य है।
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आव्हाड ने कहा कि अभी तक तो हमको लगता था कि ये आरएसएस की ही लाइन है। मैं स्वागत और शुक्रिया अदा करता हूं। मैं वैचारिक विरोधी हूं लेकिन वक्त पर उन्होंने जो टिप्पणी की है, ये बहुत अच्छी बात है।
वहीं संघ के बयान पर विश्व हिंदू परिषद (VHP) की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। विश्व हिंदू परिषद के महाराष्ट्र प्रांत के मंत्री गोविंद शेंडे ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंसा के संबंध में आरएसएस का बयान योग्य है। संघ ने यह बयान जो हिंसा करते हैं उनके बारे में दिया है। लेकिन औरंगजेब के मुद्दे पर सुनील आंबेकर ने क्या कहा, किस परीपेक्ष में कहा, उनसे क्या सवाल किया गया था, इसकी जानकारी फिलहाल मुझे नहीं है। इसलिए हम इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।