मुंबई: मंत्रियों के गैर हाजिर रहने की वजह से बुधवार को विधानसभा में सरकार की काफी फजीहत हुई। संसदीय कार्यमंत्री चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) सहित सात मंत्रियों के गैरहाजिर रहने को लेकर विपक्ष के नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) भड़क गए। उन्होंने सरकार के मंत्रियों को खूब खरी-खोटी सुनाई। हालांकि उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि मंत्रियों के गैरहाजिर रहने के मामले की पड़ताल करेंगे। यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आगे इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं हो। इसके लिए सभी मंत्रियों को निर्देश जारी किया जाएगा।
विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने कहा कि आज सदन में केवल मंगल प्रभात लोढ़ा से संबंधित ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा हुई। छह मंत्री गैर हाजिर थे, इसलिए उनसे संबंधित ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आगे बढ़ा दिया गया। उन्होंने कहा कि विधायक लोकतांत्रिक हथियार का उपयोग करने के लिए लंबे समय का इंतजार करते हैं। उन्होंने कहा कि कल रात लोग डेढ़ बजे तक बैठे थे। सुबह जिसका ध्यानाकर्षण प्रस्ताव था वे सभी विधायक आए, लेकिन मंत्री उपस्थित नहीं हैं। मंत्रियों को आखिर ऐसा क्या काम हैं?
विधिमंडळाचे अधिवेशन सुरु असताना कामकाजाच्या नियमित वेळेत येणे ही महत्त्वपूर्ण बाब आहे. ही गोष्ट राज्याच्या गतिमान सरकारच्या मंत्र्यांना मात्र मान्य नाही असे दिसते. #अर्थसंकल्पीयअधिवेशन२०२३ @mieknathshinde @Dev_Fadnavis pic.twitter.com/mtTmK93Ib4 — Nationalist Congress Party – Sharadchandra Pawar (@NCPspeaks) March 15, 2023
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो मुद्दा उठाया है वह बहुत ही गंभीर है। हम मंत्रियों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन कल रात एक बजे तक सभा गृह चला था। जिसकी वजह से ‘ऑर्डर ऑफ द डे’ रात के एक बजे निकला। वैसे अध्यक्ष ‘ऑर्डर ऑफ द डे’ 9-10 बजे निकालते हैं। उसके बाद मंत्रियों को समीक्षा करनी पड़ती है। यह समीक्षा मंत्री कब करें? यह भी सवाल उठता है। इस संदर्भ में हम मंत्रियों को निर्देश अवश्य देंगे।