शिवसेना नेता महेंद्र दलवी, पार्थ पवार व अजित पवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mahendra Dalvi On Parth Pawar Controversy: रायगड जिले के पालकमंत्री पद को लेकर उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के मंत्री भरत गोगावले और उप मुख्यमंत्री अजित पवार की एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के बीच जारी रार जिले में जल्द ही होनेवाले स्थानीय निकायों के चुनाव की तैयारियों पर भारी पड़ रही है। चुनाव की तैयारियों के बीच महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है।
शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक महेंद्र दलवी ने एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि एनसीपी के मुखिया एवं उप मुख्यमंत्री अजित पवार के पुत्र पार्थ पवार को उनकी अपनी ही पार्टी के नेताओं ने फंसाने का काम किया है।
दलवी ने इस तरह से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र ईकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे पर आरोप लगाकर उप मुख्यमंत्री अजित पवार पार्टी की एनसीपी में फूट डालने का प्रयास किया है।
कोरगांव पार्क में जमीन खरीद मामले के कारण विवादों में उलझे पार्थ पवार पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है और अजित पवार अपने बेटे को बचाने में लगे हैं। इसी पृष्ठभूमि में विधायक दलवी ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिरकार ऐन चुनाव के दौरान यह मामला बाहर कैसे आया?
रोहा में आयोजित एक सार्वजनिक सभा में दलवी ने कहा कि सुनील तटकरे पार्थ को बदनाम कर रहे हैं। तटकरे के राजनीतिक सफर को धोखाधड़ी का सफर करार देते हुए कहा कि अगर इनके पूरे राजनीतिक करियर को देखें तो विश्वासघात और धोखाधड़ी उनकी पहचान बन गई है।
शिवसेना नेता ने कहा कि अपनों को धोखा देना इनकी संस्कृति है। अपने ही लोगों को फंसाना, उनका इस्तेमाल करके फिर उन्हें दागी बनाना, इनका पैटर्न है। ये जिस नेता के संरक्षण में काम करते हैं, उसे धोखा देना इनकी पहचान है। उन्होंने दूसरों को गिरा कर अपना रद बढ़ाया है।
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दलवी का दावा है कि अजित को कमजोर करके तटकरे बीजेपी में जाने की तैयारी में हैं। उन्होंने अपना बैग भर लिया है। अब ‘गली टू दिल्ली’ का रास्ता पकड़ सकते हैं। वह जल्द ही भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच के सिलसिले में शीतल के साथ-साथ येवले से भी कड़ी पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियां विभिन्न कोणों से मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, अभी तक किसी ठोस सबूत का खुलासा नहीं किया गया है। राजनीतिक हलकों में इस पूछताछ को लेकर चर्चा तेज हो गई है।