पुणे न्यूज (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका के डेवलपमेंट प्लान पर आई आपत्तियों और सुझावों की सुनवाई के लिए अब तक प्राधिकृत समिति की स्थापना हुई है या नहीं, इसमें कौन-कौन सदस्य हैं। इसे लेकर प्रशासन कोई जानकारी नहीं दे रहा है। आपत्तियां और सुझाव स्वीकारे जाने के डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब तक सुनवाई का मुहूर्त तय नहीं हुआ है।
पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका क्षेत्र के साथ-साथ पिंपरी-चिंचवड नवनगर विकास प्राधिकरण से वर्गीकृत क्षेत्र का संयुक्त डीपी (डेवलपमेंट प्लान) महानगरपालिका ने तैयार किया है। शहर के कुल 28 गांवों के 173।24 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का संशोधित डेवलपमेंट प्लान 16 मई को प्रकाशित किया गया था। इस पर 14 जुलाई तक 60 दिन की अवधि में आपत्तियां व सुझाव स्वीकार किए गए।
इस डीपी में शहर के विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए आरक्षण, सार्वजनिक सेवा व सुविधाओं के साथ नए प्रोजेक्ट प्रस्तावित किए गए हैं। लेकिन, डीपी में असंख्य गलतियां पाई गई हैं। कई जगह बेवजह सेवाओं व सुविधाओं के आरक्षण प्रस्तावित किए गए हैं। आरक्षण वाले क्षेत्रों में फिर से वही आरक्षण नए सिरे से डाले गए हैं।
इसकी वजह से शहर भर से रिकॉर्ड 50 हजार आपत्तियां दर्ज कराई गई। साथ ही, डीपी के विरोध में मोर्चा, धरना, भूख हड़ताल जैसे आंदोलन भी हुए विधानसभा के मानसून सत्र में भी डीपी अन्यायपूर्ण बताते हुए इसे रद्द करने की मांग सत्ताधारी विधायकों ने ही की थी। आपत्तियां स्वीकार करने की अवधि पूरी हुए अब डेढ़ महीने से अधिक का वक्त हो चुका था। फिर भी सुनवाई शुरू नहीं होने से शहर में तख लिए अधिकृत समिति की स्थापना हुई नहीं इसमें कौन-कौन सदस्य हैं, इसको जिसका प्रशासन दे नहीं रहा है।रसियों को सुनवाई के लिए राज्य साकार ने खाकार ने चार सदस्यों के नाम सुझाए है।यही समिति सुनवाई का कार्यक्रम पोषित करेगी।इसके अनुसार विभागवार सुनवाई होगी।
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जिन नागरिकों ने डेवलपमेंट प्लान पर आपत्तियां दर्ज कराई है, उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा।इसके लिए उन्हें पत्र भेजा जाएगा।जिस दिन सुनवाई होगी उस दिन उनका उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।अधिकारियों ने बताया कि कई – नागरिकों ने पते व मोबाइल नंबर ठीक से नहीं दिए हैं, जिससे प्रशासन को संपर्क करने में कठिनाई आ रही है।आपत्ति दर्ज करने वाले हर नागरिक को पत्र भेजने में कम से कम 15 दिन लगेंगे।वहीं, 50 हजार नागरिको को पत्र भेजने के लिए – प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी।