मिड डे मिल (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: जिले में प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना बड़े पैमाने पर क्रियान्वित की जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्कूली विद्यार्थियों में कुपोषण को कम करना और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। यह योजना जिले को 5329 सरकारी स्कूलों में लागू है और इससे 7,33,878 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं।
इनमें कक्षा 1 से 5 तक के 4,48,818 विद्यार्थी और कक्षा 6 से 8 तक के 2,85,060 विद्यार्थी शामिल हैं, इस योजना का प्राथमिक लक्ष्य स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार कर उनके शारीरिक और मानसिक विकास को सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, यह योजना स्कूल में उपस्थिति को बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने पर भी केंद्रित है।
योजना के लिए आवश्यक निधि केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा साझा की जाती है, जिसमें केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य सरकार 40 प्रतिशत का योगदान करती है। प्रति विद्यार्थी प्रतिदिन का खर्च प्राथमिक स्तर पर 6।78 रुपये और उच्च प्राथमिक स्तर पर 10।17 रुपये निर्धारित किया गया है।
विद्यार्थियों को पौष्टिक आहार सुनिश्चित करने के लिए पोषण मानकों का सख्ती से पालन किया जाता है। प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को ऐसा भोजन दिया जाता है जिसमें 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन हो, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों के भोजन में 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन सुनिश्चित किया जाता है। छात्रों को शासन द्वारा निर्धारित मेनू के अनुसार सप्ताह के दो चरणों में विविध खाद्य पदार्थ परोसे जाते हैं। पहले और तीसरे सप्ताह में वेज पुलाव, मूंग दाल खिचड़ी, चवली खिचड़ी, मसाला भात, चना/हरभरा पुलाव और मसूरी पुलाव शामिल होते हैं।
वहीं, दूसरे और चौथे सप्ताह में सोयाबीन पुलाव, मसाला भात, मूग दाल खिचड़ी, अंकुरित मटकी उसल-भात, मटर पुलाव और मूंग शेवगा का वरण-भात परोसा जाता है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार प्रतिदिन प्राथमिक विद्यार्थियों के लिए 100 ग्राम और उच्च प्राथमिक विद्यार्थियों के लिए 150 ग्राम चावल भी उपलब्ध कराती है, जिससे जिले में विद्यार्थियों के पोषण स्तर और शैक्षिक वातावरण में सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।
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शासन निर्णय 28 नवम्बर 2011 के अनुसार भोजन पकाने का कार्य करने वाली व्यवस्था को स्वतंत्र मानधन दिया जाता है। जिले में वर्तमान में 8670 रसोइये व सहायक कार्यरत है, उन्हें प्रतिमाह 2500 रुपये मानधन दिया जाता है। साथ ही प्राथमिक शिका संचालनालय के 13 मई 2022 के पत्र के अनुसार पुणे जिले के शहरी भाग में 55 केंद्रीय रसोईघर संस्थाओं के माध्यम से पोषण आहार वितरित किया जा रहा है।