हिंगेवाठार में किसान विवाद सुलझा (pic credit; social media)
Maharashtra News: भोर तहसील के हिंगेवाठार गांव में पिछले 40 साल से ग्रामीणों और किसानों के लिए सिरदर्द बना हुआ सड़क का विवाद आखिरकार खत्म हो गया है। तहसीलदार राजेंद्र नजन की पहल और मध्यस्थता से यह समस्या गुरुवार को स्थायी रूप से हल हो गई। गांव के विकास में सबसे बड़ी बाधा वहां के रास्तों की स्थिति थी। जल आपूर्ति कुएं और किसानों के खेतों तक पहुंचने वाला रास्ता वर्षों से विवाद का केंद्र बना हुआ था।
इस रास्ते पर आने वाली बाधाओं के कारण न केवल कृषि कार्य बल्कि पानी का उपयोग भी मुश्किल हो गया था, जिससे गांव का समग्र विकास रुक गया था। इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए, तहसीलदार राजेंद्र नजन ने पहल की और गुरुवार को सीधे हिंगेवाठार गांव पहुंचे। उन्होंने पूरे दिन गांव वालों और किसानों से बातचीत की और दोनों पक्षों की चिंताओं को शांति से सुना।
तहसीलदार ने ग्रामीणों को समझाया कि रास्ता सिर्फ एक आने जाने का जरिया नहीं है, बल्कि यह गांव की आर्थिक और सामाजिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उनके प्रयासों से न केवल विवादित मार्ग पर बनी बाधाएं दूर हुईं, बल्कि ग्रामीणों और किसानों के बीच आपसी समझ और सहयोग की भावना भी बढ़ी, अब, किसान बिना किसी रुकावट के अपने खेतों तक पहुंच सकते हैं और पानी की आपूर्ति भी आसानी से हो रही है।
यह घटना दर्शाती है कि संवाद, समझ और सही प्रशासनिक हस्तक्षेप से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है और विकास की राह खोली जा सकती है। दोनों पक्षों को विश्वास में लेने के बाद, आपसी समझ से रास्ता खोलने का सर्वसम्मत निर्णय लिया गया। इस फैसले से ग्रामीणों और किसानों को बड़ी राहत मिली है। इस मौके पर मंडल अधिकारी पांडुरंग लहारे, पटवारी राहुल गायकवाड, पुलिस पाटिल सिकंदर हिंगे, दिनकर शिवणकर, कुंदन हिंगे, गणेश हिंगे, सचिन कदम, दिलीप शिवणकर, बबन हिंगे, ज्ञानेश्वर शिवणकर, रमेश हिंगे और अनंता हिंगे आदि उपस्थित थे। सेना (शिंदे गुट) एक साथ हाथ मिलाएंगे।
तहसीलदार राजेंद्र नजन् ने कहा कि मुझे खुशी है कि हिंगेवाठार गांव में 40 साल से चल रहे सड़क विवाद को सुलझाया जा सका। यह रास्ता न केवल परिवहन का मार्ग था, बल्कि गांव के विकास और किसानों की सुविधा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण था। यह समस्या दोनों पक्षों के ग्रामीणों की समझदारी से हल हुई है।
पुलिस पाटिल सिकंदर हिंगे ने कहा कि यह रास्ता सिर्फ जल आपूर्ति कुएं तक जाने के लिए ही नहीं, बल्कि किसानों को उनके खेतों तक जाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। अब रास्ता खुलने से गांव के विकास को भी गति मिलेगी।