ठगी के लिए सिंधुताई सपकाल के नाम का इस्तेमाल। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: पिछले कुछ वर्षों में शादी का झांसा देकर कई लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं। इस ठगी के तहत लोगों को सामाजिक संस्थाओं में रहने वाली लड़कियों से मिलवाने का झांसा दिया जाता है और इसके लिए उनसे बड़ी रकम वसूली जाती है, लेकिन असल में उनकी ठगी की जाती है। इसी प्रकार की धोखाधड़ी अब सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाल की संस्था के नाम पर भी सामने आई है।
सिंधुताई सपकाल की पुत्री ममता ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सावधान रहने की अपील की है। ममता सपकाल ने कहा, “माँ, पद्मश्री डॉ. सिंधुताई सपकाल के नाम से सोशल मीडिया पर झूठे खाते बनाए जा रहे हैं। उन खातों पर यह दिखाया जाता है कि शादी के लिए लड़कियां उपलब्ध हैं और इसके लिए एक निश्चित राशि की मांग की जाती है। मैं इस धोखेबाज की खोज कर रही हूं, जो दूसरों की जरूरतों का फायदा उठा रहा है। ऐसे लोगों को कोई डर क्यों नहीं लगता?”
ममता ने बताया, “कुछ समय पहले मैंने, दीपक दादा और विनय ने मिलकर एक वीडियो बनाया था, जिसमें हमने यह स्पष्ट किया था कि हमारी संस्था में फिलहाल शादी के लिए कोई लड़की उपलब्ध नहीं है। आज के समय में लड़कियों की कमी के कारण लोग इस तरह की झूठी विज्ञापनों के शिकार हो रहे हैं। हमने पुलिस से मदद लेने का निर्णय लिया है और समय-समय पर इस विषय में जागरूकता फैलाते रहेंगे।”
ममता ने बताया “हमारी संस्था में अब तक हुई सभी शादियां अपने घर की लड़की की तरह होती हैं। इसके लिए हम कभी किसी से कोई शुल्क नहीं लेते। जो विज्ञापन आप देख रहे हैं, वे केवल धोखा देने के लिए बनाए गए हैं। आज हमारी संस्था में शादी के लिए कोई लड़की उपलब्ध नहीं है क्योंकि वे अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं। जब तक वे पूरी तरह से आत्मनिर्भर नहीं हो जातीं, तब तक हम उन्हें शादी के लिए नहीं भेजते।
कम से कम अगले 3 साल तक संस्था से शादी की कोई योजना नहीं है। इसलिए जब कोई सुंदर लड़की का फोटो दिखाकर कहता है कि शादी के लिए लड़की चाहिए और पहले 15,000 रुपये ऑनलाइन जमा करने को कहता है, तो वह मानसिकता गंभीर रूप से गलत है। आज जहां लड़कियों की संख्या कम है, ऐसे में उन परिवारों का शोषण करना, जिनके बेटे शादी के लिए लड़की खोज रहे हैं, पूरी तरह निंदनीय है।”
ममता ने कहा कि “इसलिए यह संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना चाहिए। हमारी संस्था के नाम का गलत उपयोग करने वाले लोगों को समय रहते रोका जाना चाहिए, नहीं तो भोले-भाले लोगों की ठगी होती रहेगी। मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि यदि आपके आस-पास कोई इस तरह की धोखाधड़ी कर रहा हो, तो तुरंत इसकी सूचना हमें दें। हमारी संस्था के संपर्क नंबर उपलब्ध हैं। कृपया जांच-परख कर ऐसे धोखे से बचें। साथ में उन्होंने कुछ स्क्रीनशॉट भी साझा किए हैं।”
ममता सपकाल ने बताया “पिछले 4 दिनों में मुझे कई जगहों से ऐसे स्क्रीनशॉट मिले हैं। जिन नंबरों पर मैंने कॉल की, उन्होंने शुरुआत में कहा कि यह सिंधुताई सपकाल महिला आश्रम का नंबर है। जब मैंने खुद को उनकी बेटी बताया, तो कॉल कट गया। मेरे पास इसकी रिकॉर्डिंग भी है।”