पुणे महानगर पालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: पुणे महानगरपालिका में शामिल हुए 32 गांवों में प्रॉपर्टी टैक्स ग्राम पंचायत से दोगुना से अधिक न हो। यह आदेश राज्य सरकार ने दिया है, लेकिन महानगरपालिका का टैक्स और राज्य सरकार के टैक्स के कारण यह रकम दोगुनी से अधिक हो रहा है।
इसमें आवासीय प्रॉपर्टी टैक्स ढाई से पौने तीन गुना बढ़ेगा। ऐसे में आम नागरिकों का विरोध नहीं, लेकिन इन गांवों के व्यवसायियों की प्रॉपर्टी व अवैध निर्माण कराए जाने से प्रॉपर्टी पर छह से आठ गुना टैक्स वसूल किया जाएगा।
इन प्रॉपर्टीज की संख्या केवल 27 हजार है। इसका टैक्स कम करना संभव नहीं होने की वजह से यह निर्णय अटका है। लोकसभा चुनाव के पहले से गांवों से टैक्स वसूली नहीं होने से मनपा का आर्थिक नुकसान हो रहा है। महानगरपालिका में 2017 में 11 गांव, जबकि 2021 में 23। गांव सहित कुल 34 गांव शामिल हुए थे।
फुरसुंगी और उरुली देवाची इन दो गांवों को अलग किए जाने से 32 गांव मनपा में शामिल हैं। ग्राम पंचायत की तुलना में मनपा का टैक्स रेट अधिक है। साथ ही अवैध निर्माण कार्यों पर तीन गुना टैक्स, बकाये पर हर महीने दो फीसदी का शास्तीकर की वजह से यह रकम लाखों में पहुंच जाता है। गांवों के मनपा में शामिल होने के बाद सड़क, पानी, ड्रेनेज, बिजली जैसी सुविधाएं नहीं मिलने के बावजूद अधिक टैक्स वसूल किए जाने से नागरिकों में भारी नाराजगी है।
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में अगले आदेश तक बकाये व दंड की रकम वसूली पर रोक लगा दी गई थी। इसके बाद विस चुनाव की आचारसंहिता लागू होने से ऐन पूर्व मनपा में शामिल गांवों से प्रॉपर्टी टैक्स वसूली पर लगे स्टे को बनाए रखते हुए इन गांवों में ग्राम पंचायत के प्रॉपर्टी टैक्स के दोगुने से अधिक टैक्स नहीं वसूलने का आदेश नगर विकास विभाग ने दिया था।
खडक वासला, पुरंदर, हडपसर, भौर, वेल्हा विस निर्वाचन क्षेत्र में 32 गांव है। यहां करीब साढ़े चार से पांच लाख मतदाता पुणे मनपा की सीमा में है। उन्हें इस निर्णय नसे फायदा हुआ है। विस चुनाव होने के बाद प्रॉपर्टी टैक्स तय करने के लिए बैठक हुई, लेकिन इसका हल नहीं निकला, राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत के दो गुनी से अधिक टैक्स वसूल नहीं करने का आदेश दिया है, लेकिन ग्राम पंचायत के टैक्स में राज्य सरकार को दी जाने वाली टैक्स की रकम नहीं होती है।
साथ ही मनपा में 13 प्रकार की टैक्स होती है, जबकि पंचायत की ओर से 5 प्रकार का टैक्स वसूला जाता है। इस वजह से टैक्स दोगुनी से अधिक होने के बावजूद पौने तीन गुना से अधिक नहीं होने की बात मनपा की स्टडी में सामने आई है। इसे लेकर मनपा ने राज्य सरकार को जानकारी दी थी, बावजूद इसका हल नहीं निकाला गया, 32 गांवों के आम नागरिकों का मनपा के टैक्स वसूली का विरोध नहीं है, इसके उलट बकाया बढ़ने की वजह से आगे की मुश्किले बढ़ रही है।
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लेकिन इन गांवों के बड़े व्यापारी, राजनीतिक पदाधिकारी, जमीनदार के व्यवसायिक इस्तेमाल वाले प्रॉपर्टी टैक्स अधिक मात्रा में बढ़ी है। अधिकारियों का कहना है कि 32 गांधी को मिलाकर करीब 27 हजार प्रॉपर्टीज है। उनके विरोध की वजह से मनपा व राज्य सरकार निर्णय नहीं ले रही है।