पुणे: पुणे पुलिस ने मेफेड्रोन जब्ती का मामला शनिवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को सौंप दिया है। पुलिस ने 3600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के ड्रग्स जब्ती किए जाने के महीनों बाद इस मामले की जांच एनसीबी को हस्तांतरित कर दी है। बताया जा रहा है कि यह मामला देश में मादक पदार्थों के भंडाफोड़ के सबसे बड़े मामलों में से एक है।
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया का एक हिस्सा है। हमें केंद्र और राज्य सरकार से मंजूरी मिली है। कोर्ट से आवश्यक अनुमति के बाद पुणे पुलिस ने जांच एनसीबी को सौंप दी है। एनसीबी मादक पदार्थों से संबंधित शीर्ष समन्वय निकाय है जो अपने क्षेत्रों और उप-क्षेत्रों के माध्यम से एक प्रवर्तन एजेंसी के रूप में भी कार्य करता है। एनसीबी अधिकारी सीमा शुल्क, राज्य पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन इकाइयों के साथ मिलकर काम करते हैं।
पुणे पुलिस के अनुसार, उसने फरवरी में महाराष्ट्र, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों से 3,672 करोड़ रुपये मूल्य का 1,836 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया और मादक पदार्थ के अंतरराष्ट्रीय कारोबार के तरीके का खुलासा किया। मादक पदार्थ का उत्पादन विभिन्न शहरों में किया गया था।
पुलिस ने पहले कहा था कि गिरोह में शामिल लोगों ने दिल्ली स्थित एक कूरियर कंपनी को शामिल करके खाद्य सामग्री के पैकेट में छिपाकर मादक पदार्थ की कुछ खेप लंदन भेजी थी। पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुपवाड़ शहर में एक गोदाम जैसी संरचना में बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पदार्थ संग्रहीत किया गया था। मेफेड्रोन एक कृत्रिम मादक पदार्थ है जिसे इसके प्रभावों के कारण अक्सर ‘रेव पार्टी संस्कृति’ से जोड़ा जाता है। ज्यादातर युवाओं द्वारा इसका दुरुपयोग किया जाता है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)