आवारा कुत्ते और बिल्ली (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे मनपा ने पिछले एक साल में 2,664 आवारा बिल्लियों की नसबंदी और टीकाकरण किया है, ताकि उनकी बढ़ती संख्या को नियंत्रित किया जा सके, लेकिन प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिल्लियों को पकड़ना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिससे इस अभियान में मुश्किलें आ रही हैं।
शहर में आवारा कुत्तों के साथ-साथ बिल्लियों की भी समस्या बढ़ रही है. नागरिकों से मनपा के स्वास्थ्य विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि आवारा बिल्लियां गाड़ियों की सीटों को फाड़ देती हैं और गंदगी फैलाती हैं। इन शिकायतों के मद्देनजर मनपा ने कुत्तों की तरह ही बिल्लियों की संख्या को भी नियंत्रित करने का फैसला किया है।
बिल्लियों को पकड़ने और उनकी नसबंदी करने का काम भारतीय जीवजंतु कल्याण मंडल (AWBI) द्वारा मान्यता प्राप्त एक निजी संस्था को सौंपा गया है। इसके लिए एक टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई थी। इस संस्था पर कुछ शर्तें लगाई गई हैं। जिसके तहत उन्हें अपनी या किराए की जगह पर पर कुछ शर्तें लगाई गई हैं।
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शहर की आवारा बिल्लियों को पकड़कर अपने वाहनों में ले जाना होगा। उनकी नसबंदी करनी होगी और रेबीज का टीका लगाना होगा। इसके बाद, उन्हें टैग लगाकर उसी जगह पर छोड़ना होगा, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। मनपा की प्रभारी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, डॉ. सारिका फुडे-भोसले ने बताया कि 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक इस संस्था ने 2,664 बिल्लियों की नसबंदी और टीकाकरण किया है। लेकिन डॉ. फुंडे ने यह भी स्वीकार किया कि बिल्लियों को पकड़ने का काम बहुत मुश्किल है, जिसके कारण नसबंदी और टीकाकरण का काम उम्मीद से कम हुआ है। बिल्लियों के लिए बुनियादी सुविधाएं स्थापित करनी होंगी।