अजित पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Pune News: पुणे में जल्द ही एक विश्व स्तर की स्पर्धा होने वाली है। पुणे ग्रैंड चैलेंज टूर नामक अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा के लिए शहर और जिले में 437 किलोमीटर दूरी के सड़कें 15 दिसंबर तक तैयार करने का नियोजन है, और इसमें देरी होने या लापरवाही होने पर ठेकेदार को प्रति दिन एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इन कार्यों में राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त न करें, ऐसा स्पष्ट आदेश उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रशासन को दिया है। इसलिए स्पर्धा के लिए अच्छी सड़कें बनाने का बड़ा चुनौती प्रशासन के सामने है। इस स्पर्धा के लोगो, शुभंकर और जर्सी के अनावरण समारोह का आयोजन हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हाथों हुआ।
यह स्पर्धा केवल पुणे में ही नहीं, बल्कि देश में पहली बार हो रही है। इसके लिए लगभग 437 किलोमीटर मार्ग निर्धारित किया गया है और चार चरणों में यह स्पर्धा होगी। जिलाधिकारी जितेंद्र डुडी ने जानकारी दी है कि इस स्पर्धा को यूसीआई नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था की मान्यता प्राप्त होने से अब तक 16 देशों के 24 दल सहभागिता निश्चित कर चुके हैं।
स्पर्धा के लिए अच्छी सड़कें बनाने हेतु पुणे महापालिका को 125 करोड़ रुपये, पिंपरी-चिंचवड महापालिका को 70 करोड़ रुपये, पीएमआरडीए को 170 करोड़ रुपये तथा पीडब्ल्यूडी को 71 करोड़ रुपये का निधि दिया गया है। वहीं, अन्य सड़कों और कार्यों के लिए जिला नियोजन समिति से 20 करोड़ का निधि मिलेगा। इस स्पर्धा के बहाने बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।
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काम की गुणवत्ता और मानक के बारे में उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, बारिश अब थम चुकी है। 200 गांवों में यह प्रतिस्पर्धा होगी। उन गांवों में बुनियादी सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा। इसलिए सड़कों का काम मानक और गुणवत्ता के अनुसार करना चाहिए। किसी भी प्रकार की राजनीतिक हस्तक्षेप को सहन नहीं किया जाएगा। यह सड़कें 15 दिसंबर से पहले पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इन कामों की निविदा जारी करने के बाद कुछ स्थानों पर राजनीतिक हस्तक्षेप करने की कोशिश की गई, लेकिन जिला प्रशासन ने इससे मना कर दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि चूंकि काम को कम समय में पूरा करना है, इसलिए रोजाना के काम का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। ठेकेदारों ने समय पर काम नहीं किया तो उन्हें रोज एक लाख रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। इस वजह से अब इन कामों को अधिक ध्यानपूर्वक करने की जिम्मेदारी ठेकेदारों और प्रशासन पर आ गई है। यानी, यदि 15 दिसंबर तक काम पूरा नहीं हुआ तो 16 दिसंबर के बाद रोज एक लाख रुपये जुर्माना वसूला जाएगा।