पुणे न्यूज (सौ. डिजाइन फोटो )
Pimpri News In Hindi: शहर के दो घनी आबादी वाले क्षेत्रों खारालवाड़ी और गांधीनगर में पिछले कई दिनों से दूषित पानी की सप्लाई हो रही है, जिसने स्थानीय निवासियों के बीच एक बड़ा स्वास्थ्य संकट खड़ा कर दिया है।
नल से आने वाला पानी न केवल मटमैला है, बल्कि उसमें से तीव्र दुर्गंध भी आ रही है। इसके कारण न तो इसे पीना संभव है और न ही यह दैनिक उपयोग में लाया जा सकता है। नागरिकों ने आरोप लगाया है कि इस गंभीर समस्या के संबंध में महानगर पालिका के जल आपूर्ति विभाग को बार-बार शिकायतें की गई, लेकिन अधिकारियों की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
दूषित पानी के कारण निवासियों में टायफाइड, पीलिया और गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसी जलजनित बीमारियों के फैलने का डर व्याप्त है। खारालवाड़ी निवासी सविता भोईर ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि सुबह-शाम जो पानी आता है, उसे देखकर लगता ही नहीं कि यह पीने लायक है।
हमें मजबूरी में महंगे दाम पर बोतलबंद पानी खरीदना पड़ रहा है। गरीब परिवारों के लिए यह एक अतिरिक्त बोझ है। गांधीनगर के एक वरिष्ठ नागरिक रमेश गायकवाड़ ने सवाल उठाया कि जब हम समय पर टैक्स का भुगतान करते हैं, तो हमें पीने के लिए स्वच्छ पानी क्यों नहीं मिल रहा है? क्या महानगरपालिका हमारी जान जोखिम में डाल रही है?
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स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और पार्षदों ने मांग की है कि महानगरपालिका को तत्काल इन क्षेत्रों में पानी के नमूनों की गहन जांच करवानी चाहिए और दूषित पानी के वास्तविक स्रोत का पता लगाना चाहिए, साथ ही, उन्होंने जल आपूर्ति लाइनों और सीवेज लाइनों के नक्शों (मैप्स) का तत्काल मिलान करने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कहीं कोई क्रॉस-कनेक्शन तो नहीं हुआ है।